कोरोना टेस्ट के बहाने पिता ने 3 बेटियों को कर दिया बेहोश, फिर खतना के नाम पर काट दिए प्राइवेट पार्ट

हटके डेस्क। क्या आपने कभी सोचा है कि आप गहरी नींद में हो और आपके शरीर का कोई पार्ट काट दिया जाए? उस वक्त कैसा महसूस करेंगे आप? आप दर्द से कराह उठेंगे, चीखेंगे चिल्लाएंगे और तड़पेंगे। ऐसा ही हुआ 3 मासूम बहनों के साथ। जिनके पिता ने ही उनके साथ विश्वासघात किया। कोरोना की वैक्सीन देने के बहाने तीनों बहनों का खतना करा दिया गया। बच्चियों को गहरी नींद में सुलाया और फिर मासूमों पर क्रूरता की हद पार करते हुए बच्चों के जिस्म को ब्लेड से नोचा गया। ये घटना है मिश्र की जहां पर इस तरह का जघन्य अपराध पूरी तरह से बैन है। लेकिन उसके बाद भी पिता ने डॉक्टर के साथ मिलकर कानून को ताक पर रखते हुए इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 6, 2020 8:45 AM IST

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कोरोना टेस्ट के बहाने पिता ने 3 बेटियों को कर दिया बेहोश, फिर खतना के नाम पर काट दिए प्राइवेट पार्ट

1 बच्चियों के माता पिता तलाकशुदा हैं, बच्चियों ने अपनी मां को रोते हुए अपनी आप बीती सुनाई। 

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बच्चियों की मां इस पिता के इस कृत्य के बाद शिकायत दर्ज कराई। जहां पिता और डॉक्टर दोनों को न्यायिक हिरासत में लेकर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। 

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मिश्र में इस अपराध को 2008 में बैन कर दिया था। वहीं 2016 में इस कृत्य को घोर अपराध की श्रेणी में रखा गया। 
 

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लड़कियों का खतना किशोरावस्था से पहले यानी छह-सात साल की छोटी उम्र में ही करा दिया जाता है। ताकि उनके मन में कभी भी फिजिकल रेलेशन की इच्छा जाग्रत ना हो

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मिश्र में माना गया कि इस तरह महिलाओं के जननांग अंगों के काटने से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
 

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खतना एक ऐसी प्रथा है जिसमें ना बच्चियों को बेहोश किया जाता है ना कोई मेडिकल हेल्प ली जाती है। खतना यानि एफ़जीएम की प्रक्रिया में लड़की के जननांग के बाहरी हिस्से को काट दिया जाता है या इसकी बाहरी त्वचा निकाल दी जाती है। 
 

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खतना की इस प्रक्रिया से बच्चियों बहुत दर्द से गुजरती हैं। जिससे कई बार कोमा में चली जाती हैं। मौत भी हो सकती है। 

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