नई दिल्ली: अरुण जेटली का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित का भी अंतिम संस्कार यहीं करवाया गया था। लाल किले के पीछे यमुना नदी के किनारे बने इस घाट का महत्व पौराणिक है। इसका भगवान ब्रम्हा से खास रिश्ता है। आइए आपको इस घाट के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं।
Asianet News Hindi | Published : Aug 25, 2019 8:18 AM IST / Updated: Aug 25 2019, 03:33 PM IST
ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान ब्रम्हा की याद्दाश्त चली गई थी, तो इसी घाट पर नहाने से उनकी मेमोरी वापस आई थी।
इस घाट पर रोजाना 50 से ज्यादा बॉडीज जलाई जाती हैं।
कुछ समय पहले तक इस घाट की हालत काफी खराब थी। साथ ही यहां अंतिम संस्कार के लिए लोगों से चार हजार रुपए लिए जाते थे।
इस स्कैंडल के सामने आने के बाद इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दिल्ली म्युनिसिपल को सौंप दी गई थी।
घाट पर आने-जाने के लिए एसी बसें चलाई जाती हैं। साथ ही एसी वेटिंग रूम, इन्फॉर्मेशन एंड सपोर्ट सेंटर और आरओ वाटर सिस्टम की भी सुविधा है। ये सारी सुविधाएं मुफ्त हैं। लोगों से मात्र लकड़ियों और सीएनजी का किराया लिया जाता है।
निगमबोध घाट को हर महीने 10 लाख से ज्यादा का डोनेशन मिल जाता है।