'टाटा स्टील' का नाम तो सुना ही होगा, यह वो धातु है, जिसने कइयों को अरबपति बना दिया, 4000 साल पहले हुई थी खोज

स्टील महंगा होने का भारत में सबसे बड़ा फायदा टाटा कंपनी को हुआ है। पिछले साल जुलाई में टाटा का पीछे छोड़कर देश का सबसे बड़ा घराना बना रिलायंस ग्रुप 6 महीने बाद ही पायदान में तीसरे नंबर पर घिसक गया है। टाटा ग्रुप फिर से नंबर-1 पोजिशन पर गया है। इसे बनाया है टाटा की स्टील कंपनी टीसीएस ने। अगर बात करें कि जुलाई 2020 की, तो टाटा ग्रुप की 17 सूचीबद्ध कंपनियों का कुल मार्केट कैप 11.32 लाख करोड़ रु. था। वहीं, जबकि रिलायंस का मार्केट कैप 13 लाख करोड़ रु. के ऊपर। 16 सितंबर में रिलायंस का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया। अब यह 12.22 लाख करोड़ रु. रह गया है। आइए जानते हैं स्टील की कहानी...
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 14, 2021 4:33 AM IST

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'टाटा स्टील' का नाम तो सुना ही होगा, यह वो धातु है, जिसने कइयों को अरबपति बना दिया, 4000 साल पहले हुई थी खोज

अब टाटा ग्रुप का कुल मार्केट कैप 16.69 लाख करोड़ रु. को पार कर गया है। यह रिलायंस ग्रुप से 36 प्रतिशत ज्यादा है। टाटा को नंबर बनाया है स्टील के महंगे होने ने। वैसे स्टील किंग आज भी लक्ष्मी मित्तल हैं।

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पहले जानते हैं टाटा स्टील के बारे में
टाटा स्टील पहले टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड(टिस्को) के नाम से जानी जाती थी। यह भारत की प्रमुख स्पात यानी स्टील कंपनी है। इसके कारखाने की स्थापना 1907 में जमशेदपुर में की गई थी। इसे दुनिया की टॉप-5 स्टील कंपनियों में माना जाता है। टाटा स्टील की भारत में कच्चे स्टील के उत्पादन की क्षमता करीब 1.96 करोड़ टन है।

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यह हैं दुनिया के स्टील किंग कहे जाने वाले लक्ष्मी मित्तल। यह और बात है कि विश्व का कुल स्टील उत्पादन में इनका 10 फीसदी माना जाता है। बावजूद ये भारत में अपना बिजनेस नहीं जमा पाए हैं। लक्ष्मी मित्तल 1975 में इंडोनेशिया चले गए थे। तब इनकी उम्र 25 साल थी। अगले 30 सालों में ये दुनिया क तीसरे नंबर के रईस बन गए थे। राजस्थान के सादुलपुर में जन्मे लक्ष्मी मित्तल अब यूके में रहते हैं।

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दुनिया का सबसे चमत्कारी लोहा दिल्ली को लौह स्तम्भ है। यह कुतुब मीनार के निकट स्थित है। कहते हैं कि इसका निर्माण गुप्त राजवंश के राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने  (शासनकाल 375-412) ने कराया था। हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसे 912 ईपूर्व का मानते हैं। इस स्तम्भ की ऊंचाई करीब 7 मीटर है। इस स्तम्भ में लौहे की मात्रा 98 प्रतिशत है। कहते हैँ कि इसे कभी जंग नही लगती। आपको बता दें कि स्टील को भी जंग नहीं लगती। यही वजह है कि यह इस समय भवन-पुल, हवाई जहाज से लेकर गाड़ियां बनाने की नंबर-1 धातु है।
 

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स्टील लौह अयस्क से ही निकलती है। कच्चे लोहे से स्टील बनाने के लिए इसमें से कार्बन, गंधक और फॉस्फोरस जैसी अशुद्धियों यानी मिलावट को निकाला जाता है। वहीं, मैगजीन, निकिल, क्रोमियम और वनाडियम (vanadium) तत्व मिलाए जाते हैं।


(बेथलहेम स्टील, 2003 में बंद होने से पहले दुनिया के सबसे बड़े इस्पात उत्पादक कारखानों में से एक था। यह पेन्सिल्वानिया के बेथलहेम नगर में स्थित था।)

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स्टील का इतिहास 4000 साल पुराना माना जाता है। सबसे पहले अंटोलिया के उत्खनन में स्टील हाथ लगा था। एशिया महाद्वीप में 300 साल पहले श्रीलंका में बड़ी मात्रा में स्टील की मौजूदगी सामने आई थी।

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ये हैं टॉप-10 स्टील उत्पादन देश
चीन, भारत, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, रूस, जर्मनी, तुर्की, ब्राजील, ईरान, इटली।

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