हटके डेस्क। ब्रिटेन में कोरनावायरस से निपटने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर के महज 9 दिनों में 4 हजार बेड वाला नाइटेंगल हॉस्पिटल तैयार किया गया। ब्रिटेन के लंदन और बर्मिंघम जैसे शहरों में ऐसे 7 नाइटेंगल हॉस्पिटल बनाए गए, जिनका मकसद सिर्फ कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड मरीजों का इलाज करना था। लेकिन भारी खर्च करके पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के बाद और हर तरह की मशीनें व इक्विपमेंट्स लगाने के बाद इन अस्पतालों में शायद ही कोई मरीज इलाज करना आया। इन अस्पतालों में अच्छी-खासी संख्या में डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे मेडिकल स्टाफ की भर्ती भी कर ली गई, लेकिन मरीज नहीं आने के कारण इन अस्पतालों की उपयोगिता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। ईस्ट लंदन का 4 हजार बेड वाला नाइटेंगल हॉस्पिटल करीब-करीब खाली है। एक आर्मी कमांडर का कहना है कि क्राइसिस के समय में जिस स्पिरिट के साथ ये हॉस्पिटल तैयार किए गए, उसे देखते हुए यहां मरीजों का नहीं आने से इन अस्पतालों की कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। इस कमांडर की अस्पताल के निर्माण में बड़ी भूमिका रही थी। मरीजों के नहीं आने से इन हॉस्पिटलों के बनाने पर जो खर्च किया गया, वह बेकार साबित हो रहा है। यहां के डॉक्टर और दूसरे स्टाफ भी खाली बैठे हैं। आज जहां कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते यूनिवर्सिटीज, पार्क और दूसरी खाली बिल्डिंग्स को अस्पताल में बदल दिया गया, ब्रिटेन में खास तौर पर बनाए गए इन हॉस्पिटल्स का खाली रहना अजीब ही बात है। तस्वीरों में देखें इन अस्पतालों की हालत।