इस देश में बना एक और 'बाबरी', 15 सौ साल पुराने चर्च में अब गूंजने लगी अजान

हटके डेस्क: हाल ही में तुर्की दुनिया की नजरों में आ गया। वजह बनी यहां सदियों से चली आ रही चर्च-मस्जिद-म्यूजियम की रस्सा-कस्सी। हम बात कर रहे हैं इस्तांबुल के प्रसिद्ध हागिया सोफिया म्यूजियम की। कभी चर्च, फिर मस्जिद, फिर म्यूजियम और अब एक बार फिर इसे मस्जिद में बदलने का फैसला सुनाया है। तुर्की में सरकार ने 15 सौ साल पुराने चर्च को मस्जिद में बदल कर विवाद पैदा कर दिया है। इस फैसले के बाद देश के कैथोलिक वर्ग में खासा आक्रोश है। दरसअल, दुनिया के मशहूर हगिया सोफ़िया को अब मस्जिद बना दिया गया है। 15 सौ साल पुराना ये धरोहर असल में चर्च था, जिसे 1453 में मस्जिद बना दिया गया था। इसके बाद 1934 में इसे म्यूजियम बनाया गया था, जिसके बाद से ये यूनेस्को के धरोहरों में गिना जाता था। लेकिन अब तुर्की में इसे आखिरकार मस्जिद घोषित कर लोगों के नामक पढ़ने के लिए खोल दिया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 12, 2020 4:34 AM IST / Updated: Jul 12 2020, 05:14 PM IST

110
इस देश में बना एक और 'बाबरी', 15 सौ साल पुराने चर्च में अब गूंजने लगी अजान

तुर्की अदालत की घोषणा के बाद इस फैसले की व्यापक अंतरराष्ट्रीय आलोचना हुई, जिसमें अमेरिका और रूढ़िवादी ईसाई नेता शामिल थे। 

210

हागिया सोफिया लगभग 1,500 साल पुरानी है। इसे सबसे पहले चर्च बनाया गया था।  कई सालों तक ईसाई समुदाय ने यहां प्रार्थना की। लेकिन इसके बाद इस स्ट्रक्चर को मस्जिद बनाकर यहां नमाज पढ़ना शुरू किया गया। 

310

कई लोगों का मानना ​​है कि ईसाई और मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल को एक संग्रहालय बना रहना चाहिए। 

410

इस्ताम्बुल के हागिया सोफिया संग्रहालय का गुंबददार गुंबद। लोगों का कहना है कि चर्च को मस्जिद बनाने से धार्मिक अनुयायियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। 
 

510

इस मामले को अदालत में लाने वाले समूह ने आधुनिक तुर्की गणराज्य के धर्मनिरपेक्ष सरकार के मंत्रियों द्वारा 1934 के फैसले की वैधता का मुकाबला किया था और तर्क दिया था कि इमारत ओटोमन सुल्तान मेहमत द्वितीय की निजी संपत्ति थी, जिसने 1453 में इस्तांबुल को जीत लिया था। हागिया सोफिया के सामने तुर्की झंडा लहराता शख्स। 

610

तुर्की के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई एक हैंडआउट तस्वीर में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन कुरान पढ़ते हुए। साथ में है संस्कृति और पर्यटन मंत्री मेहमत नूरी एर्सोई और इमाम फेरुह मुस्तूर। 

710

अदालत के फैसले के बाद हागिया सोफिया के सामने इकट्ठा हुए लोग। जहाँ एक वर्ग इस फैसले से खुश है तो एक वर्ग में खासी नाराजगी है। 
 

810

दुनिया में कई धार्मिक समुदाय के लोगों को डर है कि इस फैसले से काफी परेशानी हो सकती है। 

910

अब कोर्ट द्वारा इसे मस्जिद बनाए जाने के फैसले के बाद अमेरिका सहित कई देशों के ईसाई समुदाय में आक्रोश देखने को मिल रहा है।  

1010

लॉकडाउन के बाद खुले इस धरोहर के अंदर सोशल डिस्टेंसनिंग से तस्वीर खींचवाते हुए टूरिस्ट। 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos