Published : Jul 28, 2020, 12:53 PM ISTUpdated : Jul 28, 2020, 03:00 PM IST
हटके डेस्क: किसी भी देश के सैनिक उस देश का गर्व होते हैं। भारत में सैनिकों की इज्जत किसी भी बड़े नेता से ज्यादा है। ये जवान अपनी जान को खतरे में डालकर देश की हिफाजत करते हैं। लेकिन हाल ही में जापान से एक ऐसी खबर सामने आई, जिसे सुनकर एक बार के लिए इसपर विश्वास करना मुश्किल हो गया। भारत में जहां सरकार इन सैनिकों को खाने-पीने और जरुरत की सारी चीजें मुहैय्या करवाने की कोशिश करते हैं वहीं जापान में वॉर के दौरान सैनिकों को लड़कियां सप्लाई की जाती थी। उनके अड्डों पर पचास हजार से दो लाख तक लड़कियां भेजी जाती थी। इनके साथ कई सैनिक रेप करते थे। ये लड़कियां कम्फर्ट वीमेन के नाम से बुलाई जाती थी जिनका काम सैनिकों का स्ट्रेस कम करना था। इस बात का खुलासा इन कम्फर्ट वीमेन कैंप से बचाई गई अब 93 साल की हो चुकी ली ओक सायन ने किया। वो इस कैंप की बाकी महिलाओं को सरकार से माफ़ी और हक़ दिलवाने की जंग लड़ रही हैं। जापानी सैनिकों की जो क्रूरता ओक ने बताई, उसे जान आपका कलेजा कांप जाएगा।
1942 में ओक को चीन से लाकर जापानी सैनिकों की कम्फर्ट वीमेन बना दिया गया था। उसे एक छोटे से कमरे में जमीन पर एक ब्लैंकेट दिया गया था। इस कमरे के बाहर पचास से अधिक सैनिक लाइन लगाकर खड़े रहते थे। बारी-बारी से ये कमरे में आकर ओक का रेप करते थे।
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ओक ने बताया कि ये सिर्फ उसकी कहानी नहीं थी। इस कैंप में करीब पचास हजार से दो लाख महिलाएं थी। सैनिक इनके साथ रेप करते थे। अगर कोई लड़की भागने की कोशिश करती थी तो उसे मार दिया जाता था।
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कम्फर्ट वीमेन में शामिल महिलाओं की उम्र 13 साल से शुरू होती थी। इनमें से कई को कोरिया से पकड़ कर लाया गया था। कुछ चीन से तो कुछ यूरोप से लाई गई थी।
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इन लड़कियों का रेप होता था। अगर कोई प्रेग्नेंट हुई तो उसे देसी नुस्खों से अबो्र्ट कर दिया जाता था। कैंप की कई महिलायें बाँझ हो चुकी थी।
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ये सैनिक इन महिलाओं को क्रूर तरह से ट्रीट करते थे। इनके प्राइवेट पार्ट्स में लोहे की गर्म सलाखें भी घुसाई जाती थी। जब इन महिलाओं को आजाद करवाया गया तो कई ने इस खौफनाक घटना को भूल जाने का फैसला किया।
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लेकिन कुछ महिलाएं सामने आई। उन्होंने खुलासा किया कि कैसे जापानी सैनिकों ने कई साल तक उनका शोषण किया। एक दिन में एक लड़की के साथ पचास से अधिक सैनिक रेप करते थे। अगर विरोध करो तो उन्हें मारा-पीटा जाता था।
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इस शोषण का शिकार एक अन्य महिला ने खुलासा किया था कि जब एक लड़की ने वहां से भागने की कोशिश की थी तब उसे मार दिया गया था। इसके बाद उसका मांस पकाकर बाकी लड़कियों को खिलाया गया था।
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अब कई कम्फर्ट वीमेन सामने आई हैं। उन्होंने अपने साथ हुई क्रूरता का जिक्र खुलेआम किया। ह्वांग कुम जु नाम की इस महिला बे बताया कि वो कैंप में सैनिकों के रेप के कारण तीन बार प्रेग्नेंट हुई, जिसमें से दो बार उसका अबॉर्शन कर दिया गया।
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1945 में इस कैम्प में लाइ गई चोंग ओक सुन ने बताया कि उसने दो बार वहां से भागने की कोशिश की। लेकिन पकड़ी गई। पकड़े जाने के बाद उसे मारा गया। उसके होंठ और छाती पर टैटू बनवाया गया। इसके बाद उसे मरा समझकर फेंक दिया गया। जहां से कुछ लोगों ने उसकी जान बचाई।
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आजाद होने के 75 साल बाद भी ये कम्फर्ट वीमेन अपनी जिंदगी नॉर्मल तरीके से नहीं जी पा रही। उन्होंने सरकार से अपने साथ हुए शोषण का जवाब मांगा लेकिन सरकार का कहना है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था।
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जापान के पीएम शिंज़ो ऐब के मुताबिक़ सैनिकों को कभी सेक्स स्लेव नहीं दिए गए। ये दावा पूरी तरह गलत है। उन्होंने इन महिलाओं की कोई भी डिमांड मानने से इंकार कर दिया।
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कम्फर्ट वीमेन के कांसेप्ट को जहाँ जापानी सरकार नकार रही है, वहीं इसका शिकार रही महिलाओं के पास अपनी असलियत साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। अब देखना है कि इन्हें न्याय कब मिलेगा?