बर्ड फ्लू के बाद अब गाय-भैंस में फैली चकते वाली बीमारी, चपेट में आते ही कर देता है जानवरों का बुरा हाल

हटके डेस्क: साल 2020 ने लोगों को कोरोना से त्रस्त कर दिया। इस महामारी की वजह से दुनिया में करोड़ों लोग संक्रमित हो गए वहीं लाखों की मौत हो गई। इसके बाद अचानक भारत में बर्ड फ्लू फ़ैल गया। अभी संक्रमण का ये दौर खत्म भी नहीं हुआ था कि अचानक गाय-भैंस के बीच एक अजीबोगरीब बीमारी फैल गई है। इसे लम्पी स्किन डिजीज कहते हैं। इसमें जानवरों की बॉडी पर अजीब तरह के चकते पड़ जाते हैं। साथ ही दुधारू जानवर दूध भी देना कम कर देती है। सबसे बड़ी बात कि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज  नहीं मिल पाया है। आइये बताते हैं कैसे जानवरों को प्रभावित कर रही है ये अजीबोगरीब बीमारी...

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2021 3:51 AM IST
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बर्ड फ्लू के बाद अब गाय-भैंस में फैली चकते वाली बीमारी, चपेट में आते ही कर देता है जानवरों का बुरा हाल

भारत में एक के बाद एक कई तरह की अजीबोगरीब बीमारी फ़ैल रही है। पहले देश कोरोना का आतंक था। इस महामारी से बचाव के लिए अब लोगों को वैक्सीन लगना शुरू हो गया है। इसके बाद बर्ड फ्लू से लोगों में फैली दहशत कम  भी नहीं हुई थी कि गाय-भैंस में एक अजीबोगरीब बीमारी फ़ैल गई है। 
 

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इस बीमारी को लम्पी डिजीज नाम दिया गया है। इसमें जानवरों के शरीर पर बड़े-बड़े घाव हो जाते हैं। शरीर पर उठे-उठे घाव ठीक ही नहीं होते। सबसे दिक्कत की बात ये है कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं मिल पाया है। 

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लम्पी डिजीज की चपेट में सबसे ज्यादा दुधारू जानवर आते हैं। इसके बाद इन जानवरों की दूध देने की क्षमता कम हो जाती है। देखते ही देखते जानवर की पूरी बॉडी इसके चपेट में आ जाती है और फिर इसकी मौत हो जाती है। 
 

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भारत में इस बीमारी का पहला मामला 2019 में आया था। रिसर्चर्स के मुताबिक, इस वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। सिर्फ लक्षण के हिसाब से जानवरों को इसकी दवा दी जा रही है। 

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लम्पी डिजीज में जानवरों की बॉडी पर गांठ बनने लगती है। ये बड़े होने लगते हैं और इसके बाद ये घाव में बदल जाते हैं। तेज बुखार जानवर को अपनी चपेट में ले लेता है। अगर पशु प्रेग्नेंट है तो उसके गर्भपात के चांसेस बढ़ जाते हैं। 

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पशुओं में ये बीमारी एक से दूसरे में फैलने लगते हैं। ना सिर्फ एक जगह से पानी पीने से बल्कि लार और चारा साथ खाने से भी ये वायरस एक गाय से दूसरे में फ़ैल जा रहा है। एक मच्छर और मक्खी के काटे जाने से भी ये वायरस फैलता है। 
 

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लम्पी डिजीज के इतिहास की बात करें तो 1929 में सबसे पहले ये अफ्रीका में पाया गया था। वहां कई जानवरों को अपना शिकार बनाने के बाद इसने ग्रीस और रूस में भी तबाही मचाई थी। बाद में इसने बांग्लादेश और कई एशियाई देशों में भी जानवरों की जान ले ली। 

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अब भारत में तेजी से फ़ैल रहे इस लम्पी डिजीज से किसान त्रस्त हैं। दूध का कारोबार करने वाले किसानों को इससे भारी नुकसान हो रहा है। तमिलनाडु के अलावा केरल, छत्तीसगढ़, असम, मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखण्ड सहित कई राज्यों में ये वायरस तेजी से फ़ैल रहा है। 

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