बुरी खबर: रोक दिया गया ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का कोरोना वैक्सीन, इंसान को लगाते ही बॉडी में हुआ भयानक इंफेक्शन

हटके डेस्क: साल 2020 कई मायनों में मनहूस साबित हुआ है। इस साल कोरोना ने दुनिया में तबाही मचा दी। देखते ही देखते इस वायरस ने करोड़ों को संक्रमित कर दिया और लाखों की जान ले ली। वायरस कैसे फैला और किस परिस्थिति में फैला, इसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। लेकिन कई देश इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। रूस ने इसके एक इंजेक्शन का रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया लेकिन इसका कोई पॉजिटिव अंजाम नहीं दिखा। लेकिन दुनिया की नजर यूके के वैक्सीन पर थी। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाया जा रहा ये वैक्सीन लोगों के लिए काफी बड़ी उम्मीद था। इसे 7 देशों ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से ख़रीदा था। ये वैक्सीन थर्ड फेज में था। लेकिन अब इसे रोक दिया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 9, 2020 9:51 AM IST
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बुरी खबर: रोक दिया गया ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का कोरोना वैक्सीन, इंसान को लगाते ही बॉडी में हुआ भयानक इंफेक्शन

जो लोग भी कोरोना वैक्सीन के सक्सेस को लेकर उम्मीद में थे, वो इस खबर के बाद काफी निराश हो गए हैं। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के कोरोना वैक्सीन के थर्ड फेज के ट्रायल को रोक दिया गया है। 

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स्टेट न्यूज की खबर के मुताबिक, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद एक ह्यूमन ट्रायल में भयानक इंफेक्शन देखने को मिला। 

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शख्स के परिवार वालों ने इसकी पुष्टि की। लेकिन खबर के मुताबिक, शख्स जल्द ठीक हो  जाएगा। लेकिन अभी इस वैक्सीन पर रोक लगा दी गई है। 
 

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगाना नया या अजीब नहीं है। लेकिन कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर रोक से कई लोग निराश है। 

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अब मेडिकल टीम इन्फेक्शन को स्टडी कर आगे का फैसला करेगा। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के इस इंजेक्शन की जल्द जांच शुरू हो जाएगी। 

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बता दें कि ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के इस कोरोना वैक्सीन को 7 देशों ने करोड़ों-अरबों खर्च कर ख़रीदा था। इसमें यूके, यूएस, यूरोपियन देश, ऑस्ट्रेलिया, रूस, चीन और ब्राज़ील  शामिल है। 
 

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ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के इस वैक्सीन के थर्ड ट्रायल फेज में 50 हजार लोगों को ये वैक्सीन लगनी थी। लेकिन एक शख्स को इन्फेक्शन होने की वजह से इस ट्रायल को रोक  दिया गया है। 

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अब आपको बताते हैं कि ये ट्रायल कैसे काम करता है? जिन लोगों को इसके लिए चुना जाता है उन्हें इंजेक्शन लगाकर लोगों के बीच छोड़ दिया जाता है ये देखने के लिए कि उनपर वायरस का असर होता है या नहीं। 

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इस वैक्सीन के 2020 के आखिरी में आने की उम्मीद थी। लेकिन अब शायद इसमें और वक्त लगेगा। इससे लोगों में काफी निराशा है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि वो 3 नवंबर से पहले ही वैक्सीन बना लेगा। 

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