हटके डेस्क: कोरोना वायरस जिस तेजी से पूरी दुनिया में फैला, इसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। ये वायरस देखते ही देखते चीन से अमेरिका, यूके, भारत सहित दुनिया के हर कोने में पहुंच गया। वायरस की शुरुआत को लेकर कई तरह की बातें सामने आई जिसमें इन्हें लैब में बनाकर फ़ैलाने की बात भी कही गई। ये वायरस छूने से फैलता है या कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने से। लेकिन जुलाई की शुरुआत में एक टीम ने आर्टिकल पब्लिश किया जिसमें कहा गया कि ये वायरस 5G रेडिएशन से फ़ैल रहा है। टीम ने कहा कि ह्यूमन स्किन सेल्स 5G रेडिएशन को अब्सॉर्ब करता है और फिर बॉडी में कोरोना वायरस में बदल देता है। इस दावे के बाद हड़कंप मच गया। इन रिसर्चर्स ने कहा कि जिस देश में ज्यादा 5G डिस्ट्रीब्यूशन है, वहां ये वायरस ज्यादा तबाही मचाएगा। लेकिन अब इस दावे पर कुछ वैज्ञानिकों ने शोध कर इसे गलत करार दिया है।