28 दिसंबर, 1952 को जन्मे भाजपा के 'संकटमोचक' कहे जाने वाले सीनियर लीडर अरुण जेटली 24 अगस्त, 2019 को इस दुनिया से अलविदा हो गए थे। उन्हें टिश्यू कैंसर था। जेटली को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा-'मेरे दोस्त अरुण जेटली जी की जयंती पर उन्हें नमन, उनका व्यक्तित्व, ज्ञान और कानूनी समझ को हर कोई याद करता है।' मोदी ने अंग्रेजी में यह ट्वीट किया है। इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बाकी नेता भी जेटली को याद करते हुए भावुक हो उठे। जेटली छात्र राजनीति से केंद्रीय मंत्री तक के मुकाम तक पहुंचे थे। उनके जीवन से कई कहानियां जुड़ी हैं। एक कहानी 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी की है। इंदिरा गांधी ने अपने तमाम विरोधियों को जेल में डालना शुरू कर दिया था। पुलिस अरुण जेटली को भी गिरफ्तार करने पहुंची। लेकिन युवा जोश जेटली पहले ही रात को घर से भाग खडे़ हुए। हालांकि बाद में उन्हें 19 महीने नजरबंद रहना पड़ा था। यहां से रिहा होते ही उन्होंने जनसंघ की सदस्यता ले ली थी। पढ़िए आगे की कहानी...