एक किसान की हिम्मत से जुड़ी यह कहानी कुछ महीने पहले राजस्थान के उदयपुर में सामने आई थी। यह कहानी आज इसलिए प्रासंगिक है, क्योंकि देश में इस समय किसानों का आंदोलन चल रहा है। मुद्दा किसानों की दुर्दशा से जुड़ा है। लेकिन यह भी सच है कि अगर खेती-किसानी को सही तौर-तरीके से किया जाए, तो इससे बेहतर कोई दूसरा काम नहीं हो सकता। कभी बंजर और पथरीला खेत देखकर रूंआंसा होने वाला यह किसान अब मजे से जिंदगी गुजार रहा है। खेतों में फल-सब्जियां और अनाज उगाता है। यह किसान हैं उदयपुर से करीब 30 किमी दूर स्थित पई गांव का निचल फलां के रहने वाले शंकरलाल भील। शंकरलाल ने अकेले ही अपने बंजर और पत्थरों से भरे खेत को उपजाऊ बना दिया। यह सब उन्होंने सिर्फ एक साल की मेहनत में किया। कभी-कभी उन्हें जेसीबी की मदद भी लेनी पड़ी, लेकिन हिम्मत कभी नहीं छोड़ी। शंकर के पास 6 बीघा जमीन है। इसमें से 2 बीघा किसी काम की नहीं थी। लेकिन शंकर ने इसे भी उपजाऊ बना दिया। जानिए एक किसान के हौसले की कहानी..