13 मई की रात अंतरिक्ष से बरसेंगे अंगारे, आधी रात गहरे हरे रंग में बदल जाएगा नीला आसमान

हटके डेस्क: दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। इस वायरस से अभी तक 42 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। जबकि मरने वालों का आकड़ा भी तीन लाख पहुंचने वाला है। साल 2020 शुरुआत से ही कुछ अच्छा साबित नहीं हुआ। जनवरी में ऑस्ट्रेलिया में लगी आग ने सभी को चिंतित कर दिया। इससे पहले की लोग इस आग से उबरते अचानक ही चीन से निकले एक वायरस ने दुनिया में तबाही मचा दी। इस बीच 29 अप्रैल को विशाल उल्कापिंड गिरने की अफवाह उठी, जिससे दुनिया खत्म होने की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन ये उल्कापिंड पृथ्वी से कुछ दूरी से गुजर गया। अब मई के महीने में पृथ्वी पर अंतरिक्ष से कई उल्कापिंड गिरते दिखाई दे रहे हैं। ये नजारा अभी नवंबर तक दिखाई देगा। 13 मई की रात आसमान में लोगों को आतिशबाजी का नजारा दिखाई देगा। इसमें अब चंद घंटे बचे हैं। इस दौरान आसमान से विशाल धूमकेतु गिरेगा। 
 

Asianet News Hindi | Published : May 12, 2020 9:59 AM IST
19
13 मई की रात अंतरिक्ष से बरसेंगे अंगारे, आधी रात गहरे हरे रंग में बदल जाएगा नीला आसमान

वैज्ञानिकों ने बताया कि 13 मई को आसमान में दीवाली सा नजारा दिखेगा। इस दौरान अंतरिक्ष से विशाल धूमकेतु पृथ्वी पर गिरेगा। 

29

वैज्ञानिकों ने बताया कि 13 मई को धरती के बेहद करीब से कॉमेट स्वान गुजरेगा। ये धरती के करीब साढ़े आठ किलोमीटर दूरी से गुजरेगा। भले ही साढ़े आठ करोड़ किलोमीटर सुनने में काफी अधिक लग रहा हो, लेकिन पृथ्वी से ये काफी नजदीक ही है। 
 

39

वैज्ञानिकों ने बताया कि 13 मई के बाद ये नजारा 23 मई को भी दिखेगा। यानी इस महीने लोग दो बार आसमान में आतिशबाजी देख पाएंगे। 

49

13 मई को दिख रहे इस आतिशबाजी के नज़ारे के बारे में सबसे पहले नासा के सोलर एंड हेलियोस्फेयरिक ऑब्जरवेटरी देख रहे एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर माइकल मैटियाज्जो ने पता लगाया था। उन्होंने ही इसका नाम स्वान रखा था। 

59

स्वान का इस्तेमाल सोलर सिस्टम में हाइड्रोजन का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेकिन चूंकि इसकी मदद से इस धूमकेतु एक पता लगाया गया, इसलिए इसका नाम स्वान रख दिया। गया। 
 

69

अब आपको बता दें कि ये धूमकेतु इक्वेटर लाइन के पास रहने वालों को खुली आंखों से दिखाई देगा। लेकिन आपको तो पता ही है कि भारत भूमध्य रेखा के उत्तर में है। ऐसे में इसे देखने के लिए भारतीयों को ख़ास काम करना पड़ेगा।  

79

भारत में इस नज़ारे को देखने के लिए दूरबीन का सहारा लेना होगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि आसमान में ये धूमकेतु हरे रंग का चमकीला नजर आएगा। 

89

स्वान धूमकेतु के गुजरने के बाद 23 मई को कॉमेट एटलस पृथ्वी से गुजरेगा। अभी ये धरती से कितना दूर है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सका है।इसकी खोज 28 दिसंबर 2019 में ही हुई थी। अब इसकी चमक तेज हो गई है। 

99

चमक के आधार पर वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि एटलस 23 मई को पृथ्वी के पास से गुजरेगा। साथ ही बात का भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये धूमकेतु भारत में नंगी आँखों से देखा जा सकेगा। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos