ISIS ने कर दिया 20 बच्चों को अनाथ, अब नवजात शिशुओं को छाती से चिपका कर अपना दूध पिला रही ये महिला

हटके डेस्क: आतंकवादियों में दिल नहीं होता। किसी को भी धर्म के नाम पर मार डालने वाले इन आतंकियों ने 12 मई को अफगानिस्तान के काबुल में मौत का तांडव किया था। इन आतंकियों ने मैटरनिटी विभाग में घुसकर 24 लोगों की जान ले ली थी। अंधाधुंध गोलियों में 2 नवजात बच्चे सहित 24 लोग मारे गए थे। इस घटना के बाद अस्पताल में 20 नवजात बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया था। लेकिन इन बच्चों के लिए हीरो बनकर आई फिरोज़ा यूनिस ओमर। ये महिला अब अस्पताल में बारी-बारी से सभी बच्चों को अपना दूध पिला रही हैं। लोग इस महिला को असली हीरो बता रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : May 15, 2020 5:23 AM IST / Updated: May 15 2020, 02:08 PM IST

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ISIS ने कर दिया 20 बच्चों को अनाथ, अब नवजात शिशुओं को छाती से चिपका कर अपना दूध पिला रही ये महिला

ये अफगानी मां अस्पताल में 20 नवजात बच्चों को दूध पिलाती है। काबुल मैटरनिटी यूनिट में हुए आतंकी हमले के बाद ये महिला इन अनाथ बच्चों के लिए फरिश्ता बनकर आई है। 
 

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ये सभी बच्चे 12 मई को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक अस्पताल के मैटरनिटी विभाग में घुसे थे। आतंकियों ने वहां बिस्तर पर बच्चे पैदा कर लेटी कमजोर माओं पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थी।  
 

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इस आतंकी हमले में 2 मासूम, नर्स और कई महिलाओं की मौत हो गई थी। इसके बाद अस्पताल के उन बच्चों के लिए, जिनकी मांओं की मौत इस हमले में हुई, फिरोजा ही मां बन गईं। 
 

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फिरोजा देश के इकोनॉमिक मिनिस्ट्री में काम करती हैं। साथ ही उनकी खुद 14 महीने की एक बच्ची है। मंगलवार जब ये हमला हुआ, उसके बाद से ये हर दिन इन बच्चों को कुर्सी पर बैठकर दूध पिलाती हैं। 
 

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फिरोजा हर दिन सुबह काबुल के अतातुर्क अस्पताल पहुंचती हैं। इसके बाद भूख से बिलख रहे इन बच्चों  को छाती से लगाकर बारी-बारी अपना दूध पिलाती हैं। 
 

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इन सभी बच्चों का  ध्यान अब अस्पताल में नर्स रख रही हैं। उन्हें समय से नहलाया जाता है और फिर उन्हें मां का प्यार दिया जा रहा है। 

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जानकारी के मुताबिक, 12 मई को काबुल में हुए इस आतंकी  हमले में 3 ISIS आतंकी शामिल थे। सभी बंदूक के साथ मैटरनिटी विभाग में घुसे और गोलियां चलाने लगे। जानकारी के मुताबिक, इस हमले के दौरान 80 लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। 

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काफी देर तक चले खून के इस खेल के बाद काबुल पुलिस ने तीनों आतंकियों को मार गिराया। लेकिन तब तक 20 बच्चे अनाथ हो चुके थे। इस सभी को अतातुर्क अस्पताल में शिफ्ट करवाया गया। 
 

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इस आतंकी हमले के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हुआ। लेकिन पूरा मैटरनिटी विभाग गोली और बारूद के धुंए से भरा था। इस आतंकी हमले की हर तरफ निंदा हो रही है वहीं सभी लोग इस महिला फिरोजा की काफी तारीफ कर रहे हैं। सभी उसे रियल हीरो बता रहे हैं। जो इस मुश्किल की घड़ी में इन बच्चों के लिए भगवान बनकर आई है। 

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