इस BJP कैंडिडेट के पास कुल जमा पूंजी है-3 बकरी-3 गाय-एक झोपड़ी और 31,000 नगद, काम है मजदूरी

Published : Mar 18, 2021, 10:44 AM ISTUpdated : Mar 18, 2021, 10:52 AM IST

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. सारे नेता करोड़पति नहीं होते! कई राजनीति में सिर्फ इसलिए आना चाहते हैं, ताकि अपने समाज, गांव और देश के लिए कुछ बेहतर किया जाए। वे जिस नारकीय जिंदगी या परेशानियों का सामना कर रहे हैं, उसे अपने आसपास के लोगों को निकाला जा सके। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बांकुरा जिले की सल्तोरा विधानसभा सीट से चुनाव में खड़ी हुईं 30 वर्षीय चंदना बौरी यही उदाहरण पेश करती हैं। आमतौर पर इलेक्शन में टिकट कैंडिडेट की आर्थिक हैसियत देखकर नहीं मिलते, उनकी सामाजिक पहचान को ध्यान में रखा जाता है। चंदना को भाजपा ने टिकट दिया है। आइए जानते हैं चंदना बौरी के बारे में...

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इस BJP कैंडिडेट के पास कुल जमा पूंजी है-3 बकरी-3 गाय-एक झोपड़ी और 31,000 नगद, काम है मजदूरी

चंदना बौरी दिहाड़ी मजदूर हैं। उन्होंने अपने नामांकन पत्र में जो सम्पत्ति शो की, वो वाकई चौंकाती है। उनके पास तीन बकरी, तीन गाय, एक झोपड़ी और बैंक में कुल 31,985 रुपये जमा हैं। हालांकि पिछले साल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें 60000 रुपए की मदद मिली, जिससे उन्होंने दो पक्के कमरे बनवा लिए।

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चूंकि चंदना झोपड़ी में रहती हैं, इसलिए उनके पास टॉयलेट नहीं हैं। वे आज भी खुले में शौच के लिए जाती हैं। हालांकि उन्हें यह अच्छा नहीं लगता, इसलिए वे चाहती हैं कि चुनाव जीतने पर सबसे पहले अपने और आसपास के लोगों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था करेंगी।

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चंदना के घर में नल भी नहीं हैं। वे दूर से पानी लाती हैं। चंदना के पति सरबन राजमिस्त्री हैं। उन्हें एक दिन की मजदूरी के सिर्फ 400 रुपए मिलते हैं। बारिश में काम बंद हो जाता है। इसलिए चंदन भी उनके साथ मजदूरी करती हैं, ताकि परेशानी के समय पैसा जमा हो सके। चंदना मनरेगा में मजदूरी करती हैं। उनके तीन बच्चे हैं।
 

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चंदना हर दिन सुबह करीब 7-8 बजे प्रचार करने घर से निकल जाती हैं। कई बार उन्हें अपने छोटे बेटे को साथ लेकर जाना पड़ता है। चंदना अब प्रभावी भाषण देने लगी हैं। वे कहती हैं कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने कोई विकास कार्य नहीं कराए। सारा पैसा दबा लिया।

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बता दें कि 8 मार्च महिला दिवस पर चंदना को टीवी के जरिये मालूम चला था कि उन्हें भाजपा ने टिकट दिया है। चंदना को पहले यह सपना लगा, लेकिन अब वे कहती हैं कि चुनाव जीतकर गरीबों के लिए खूब काम करेंगी।

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यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। पिछले दो बार से यहां से तृणमूल के स्वपन बारुई 10,000 से अधिक मतों के अंतर से जीतते आ रहे हैं। हालांकि इस बार TMC ने संतोष कुमार मंडल को मैदान में उतारा है।


नामांकन पत्र दाखिल करतीं चंदना।

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अभी भी चंदना की यह झोपड़ी मौजूद हैं। चंदना लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई हैं। 

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