2007 के एक 'खूनी खेल' से जुड़ी है नंदीग्राम की कहानी, यहीं से ममता ने फूंका था लेफ्ट के विरुद्ध आंदोलन

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. ममता बनर्जी 11 मार्च को महाशिवरात्रि के मौके पर नंदीग्राम से अपना नामांकन दाखिल करेंगी। यहां से उन्हें तृणमूल छोड़कर भाजपा गए शुभेंदु ने चुनौती है। 11 तारीख को शिवरात्रि है। नंदीग्राम ममता बनर्जी की वो राजनीतिक रणभूमि है, जिसने उन्हें 34 साल पुराने लेफ्ट के शासन को उखाड़ फेंकने में मदद दिलाई। मामला 2007 की एक घटना से जुड़ा है। लेफ्ट सरकार ने सलीम ग्रुप को स्पेशल इकोनॉमिक जोन नीति के तहत नंदीग्राम में रसायन केंद्र(केमिकल हब) की स्थापना की अनुमति दी थी। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो पुलिस ने विद्रोह को कुचलने गोलीबारी कर दी। इससे 14 ग्रामीणों की मौत हो गई। ममता इस घटना के विरोध में मुखर हुईं। नतीजा, लेफ्ट जमींदोज हो गया।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 5, 2021 4:49 AM IST
16
2007 के एक 'खूनी खेल' से जुड़ी है नंदीग्राम की कहानी, यहीं से ममता ने फूंका था लेफ्ट के विरुद्ध आंदोलन

नंदीग्राम ममता बनर्जी के लिए लकी माना जाता है। जनवरी में नंदीग्राम के तेखाली इलाके में एक चुनावी सभा में ममता ने कहा था कि नंदीग्राम मेरी बड़ी बहन है। 2007 की घटना के बाद ममता की अगुवाई में टीएमसी ने बुद्धदेव भट्टाचार्य की वामपंथी सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। नतीजा, 2011 में वामपंथ का किला ढह गया।

26

2007 की घटना के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व अटार्नी जनरल रैमसे क्लार्क ने नवंबर 2007 में नंदीग्राम का दौरा किया था और पीड़ितों से मिले थे।

36

नंदीग्राम मेदिनीपुर जिले का एक ग्रामीण एरिया है। यह राजधानी कोलकाता से दक्षिण-पश्चिम दिशा में करीब 70 किमी दूर है। यह औद्योगिक शहर हल्दिया के सामने और हल्दी नदी के दक्षिण किनारे स्थित है।

46

नंदीग्राम का वैसे कोई खास इतिहास नहीं रहा है। लेकिन अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में इसकी भूमिका रही है। 1947 में स्वतंत्रता संग्राम से अलग अजाय मुखर्जी, सुशील कुमार धारा, सतीश चंद्र सामंत ने नंदीग्राम के लोगों की मदद से तामलुक को अंग्रेजों से मुक्त कराया था।
 

56

स्वतंत्रता के बाद नंदीग्राम एजुकेशन का हब बना। हल्दिया के विकास में नंदीग्राम की अहम भूमिका रही। यहीं से हल्दिया को सब्जियां, चावल, मछली आदि की सप्लाई होती है। नंदीग्राम जिले में में मुस्लिम आबादी 60 प्रतिशत है। शहर में तिवारी, मुखर्जी और पांडा का बोलबाला है।

66

बता दें कि बंगाल की 294 सीटों के लिए 8 चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में  294 में से 30 सीटों पर 27 मार्च को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण में 30 सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवे चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोटिंग होगी।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos