West Bengal Elections: सालभर में घटकर आधी रह गई ममता की इनकम, जानिए TMC लीडर से जुड़े कुछ फैक्ट्स

कोलकाता. पश्चिम बंगाल. पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की सबसे अधिक 'गूंज' पश्चिम बंगाल को लेकर है। बुधवार को ममता बनर्जी ने नंदीग्राम विधानसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उन्होंने जो शपथ पत्र (Affidavit) भरा है, उसके मुताबिक, पिछले साल की तुलना में उनकी इनकम आधी रह गई है। वित्त वर्ष-2015-16 में उन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न में 17,2910 रुपए इनकम शो की थी। 2016-17 में 918300 रुपए, 2017-18 में 835300 रुपए, 2018-19 में 20,71,010 रुपए, जबकि 2019-20 में इनकम टैक्स रिटर्न में कुल आय 10,34,370 रुपए शो की है। यानी तृणमूल कांग्रेस से लगातार विधायकों के जाने से 'घाटे' की रानजनीति में फंसती जा रहीं ममता बनर्जी की कमाई भी घट गई है। जानिए शपथ पत्र से जुड़ीं कुछ खास बातें...

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2021 6:47 AM IST
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West Bengal  Elections: सालभर में  घटकर आधी रह गई ममता की इनकम, जानिए TMC लीडर से जुड़े कुछ फैक्ट्स

66 वर्षीय ममता बनर्जी के तीन बैंकों में 27 लाख रुपए जमा हैं। इन्होंने अलग-अलग करीब 18,490 रुपए निवेश किए हैं। बनर्जी को अन्य स्त्रोतों से करीब 185984 रुपए मिले।
 

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ममता बनर्जी को आपने हमेशा सादा पहनावे में देखा होगा। उन्हें ज्वेलरी आदि का शौक नहीं रहा है। यही वजह है कि शपथ पत्र में उन्होंने सिर्फ 43,837 रुपए वैल्यु की ज्वेलरी शो की है। 


(यह तस्वीर 2017 की है, जब दुनिया के स्टील किंग कहे जाने वाले मशहूर उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल ममता बनर्जी से मिलने कोलकाता में कालीघाट स्थित उनके घर पहुंचे थे)

आगे पढ़ें ममता बनर्जी से जुड़ी कहानी...

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तृणमूल कांग्रेस की संस्थापक ममता बैनर्जी के तेवर बचपन से ही गर्म रहे हैं। यही वजह कि उन्हें बंगाल की शेरनी कहा जाता है। उन्हें दीदी कहकर भी पुकारा जाता है। जब वे 17 साल की थीं, तब उनके पिता प्रोमलेश्वर का बीमारी से निधन हो गया था। बेहद गरीबी में पढ़ी-बढ़ी ममता ने तभी निश्चय कर लिया था कि वे जिंदगीभर साधारण जीवन गुजारेंगी। ममता तब से ही सफेद साड़ी पहनती आ रही हैं। ममता पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने बसंती देवी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। फिर जोगेशचंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री ली। ममता बैनर्जी से जुड़े कई किस्से हैं। 

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यह मामला जनवरी, 2011 का है। तब बंगाल में हिंसा हुई थी। इसमें तृणमूल के 11 समर्थक मारे गए थे। आरोप था कि यह हिंसा सीपीएम के लोगों ने की थी। ममता बैनर्जी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट पार्टी की बुद्धदेब भट्टाचार्य की सरकार को बर्खास्त करने की मांग पर अड़ी हुई थीं। लेकिन जब उनकी सुनवाई नहीं हुई, तो वे थैली में हड्डियां भरकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने दिल्ली पहुंच गई थीं। उन्होंने हड्डियां निकालकर वाजपेयी की टेबल पर रख दी थीं।

(वाजपेयी के साथ ममता बनर्जी)

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ममता बैनर्जी जयललिता के बाद दूसरी ऐसी महिला मुख्यमंत्री रही हैं, जो एनडीए सरकार के लिए हमेशा परेशानी बनी रहीं। 1996 में वाजपेयी की 13 दिन की सरकार के बाद देवेगौड़ा की सरकार बनी। तब ममता कांग्रेस की सांसद थीं। वे देवेगौड़ा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर अड़ी थीं। उस वक्त जॉर्ज फर्नांडिस ममता बैनर्जी को वाजपेयी से मिलाने ले गए थे। वाजपेयी ने तब उनका नाम फायरिंग लेडी रखा था। एक बार ममता बैनर्जी ने पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी को लेकर हंगामा कर दिया। वाजपेयी खुद उन्हें मनाने कोलकाता पहुंचे। तब वाजपेयी ने उनकी मां के पैर छूकर कहा था कि आपकी बेटी बहुत शरारती है।

(ममता अकसर ऐसी तस्वीरों में नजर आ जाती हैं)

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ममता बैनर्जी ने बंगाल की राजनीति से कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(मार्क्सवादी) के करीब 34 साल लंबे शासनकाल को खत्म किया था। बता दें कि स्व. ज्योति बसु 1977 से 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे। 

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 ममता बैनर्जी को लेखन के अलावा पेंटिंग बनाने का भी शौक है। राजनीति में आने से पहले वे एक स्कूल में टीचर  थीं। एक समय उन्होंने सेल्सगर्ल का भी काम किया। ममता बैनर्जी को गीत-संगीत में बहुत रुचि है। 2018 में उन्होंने दुर्गा पूजा पर आधारित अपना एलबम रौद्रर छाया लॉन्च किया था। इसमें उन्होंने 7 गाने कंपोज किए थे। 
 

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ममता बैनर्जी ने 1997 में कांग्रेस से अलग होकर 1998 में तृणमूल कांग्रेस की नींव रखी थी। ममता बैनर्जी ने 1984 में जादवपुर संसदीय क्षेत्र से माकपा के दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी को हराकर सबसे कम आयु की सांसद होने का गौरव हासिल किया था।

(राजीव गांधी और सुनील दत्त के साथ ममता बनर्जी)

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