सऊदी अरब में भीख मांगने को मजबूर हुए भारतीय, 450 लोगों की गई नौकरी तो भेजे गए जेल

दुबई. कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर के सैकड़ों देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। इस महामारी में ना जाने कितने उद्योग बंद हुए और हजारों-लाखों लोग बेरोजगार हो गए। वहीं, अब सऊदी अरब से खबर आ रही है कि करीब 450 भारतीय कामगारों के पास नौकरी ना होने के कारण वो सड़कों पर भीख मांगने पर मजबूर हो रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण आए आर्थिक संकट में कई भारतीयों की नौकरियां चली गई है और वो वर्क परमिट के एक्सपायर होने से वो वहां फंसे हुए हैं।  

Asianet News Hindi | Published : Sep 21, 2020 10:21 AM IST / Updated: Sep 21 2020, 04:14 PM IST
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सऊदी अरब में भीख मांगने को मजबूर हुए भारतीय, 450 लोगों की गई नौकरी तो भेजे गए जेल

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इन कामगारों में से अधिकतर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कश्मीर, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र से हैं। नौकरी छिन जाने की वजह से भारतीय कामगारों को भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कामगार कहते हैं कि 'उनका अपराध सिर्फ यही है कि उन्होंने भीख मांगी। सऊदी प्रशासन ने उनके किराए के कमरे पर जाकर उनकी पहचान मालूम की और जेद्दाह स्थित डिटेंशन सेंटर में डाल दिया।
 

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रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि डिटेंशन सेंटर के कामगारों में से उत्तर प्रदेश से 39, बिहार से 10, तेलंगाना से पांच और महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक से चार लोग हैं। वहीं, एक शख्स आंध्र प्रदेश से है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है और यहां काम कर रहे विदेशी कामगार बेरोजगार हो गए हैं।

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कई कामगारों ने बताया कि 'वो हर तरफ से नाउम्मीद हो चुके हैं। एक भारतीय कामगार ने कहा कि 'उन्होंने कोई भी अपराध नहीं किया है। वो अपने हालात की वजह से भीख मांगने पर मजबूर हुए क्योंकि उनकी नौकरियां चली गई। अब वो डिटेंशन सेंटर में पड़े हुए हैं।' इसके साथ ही एक अन्य कामगार ने कहा कि 'वो लोग पिछले चार महीनों से बहुत कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। उन सब ने देखा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और इंडोनेशिया और श्रीलंका के कामगारों को उनके देश से मदद मिल रही है और उन्हें वापस भेजा जा रहा है, जबकि वो यहां पर फंसे हुए हैं।'
 

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खबरों में कहा जा रहा है कि सामाजिक कार्यकर्ता और एमबीटी नेता अमजद उल्लाह खान ने कहा कि 'स्थानीय प्रशासन ने जांच में पाया कि इन कामगारों का वर्क परमिट एक्सपायर हो चुका है और वो अवैध रूप से रुके हुए हैं तो उन्हें डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया।'

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वायरल हुए वीडियो में एक वर्कर कहता है कि 'उसका भाई गुजर चुका है और उसकी मां की हालत गंभीर है। वो भारत वापस आना चाहता है।' अमजद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सऊदी अरब में भारतीय राजदूत आसुफ सैय्यद को 450 भारतीय मजदूरों की हालत को लेकर एक पत्र लिखा है और केंद्र सरकार से उन्हें भारत लाने में मदद की अपील की है।

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विदेश मंत्रालय की हेल्पलाइन प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र ने अमजद उल्ला खान के ट्वीट पर जवाब दिया है और उनसे सभी प्रवासियों की जानकारी मांगी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2.4 लाख भारतीयों ने भारत लौटने के लिए रजिस्टर किया था। हालांकि, अभी तक सिर्फ 40,000 भारतीय ही वापस आ पाए हैं।

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