चीन श्रीलंका भेज रहा जासूसी जहाज, भारत में बढ़ी चिंता, नेवी के अड्डे और परमाणु प्लांट की जुटा सकता है जानकारी

नई दिल्ली। चीन अपना जासूसी जहाज युआन वांग 5 (Yuan Wang 5) श्रीलंका भेज रहा है। यह श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह (Hambantota port) पर एक सप्ताह रहेगा। चीन की इस चाल ने भारत में चिंता बढ़ा दी है। चीन अपने इस जहाज से भारतीय नौ सेना के महत्वपूर्ण अड्डों के साथ ही भारत के न्यूक्लियर पावर प्लांट की भी जानकारी जुटा सकता है। चीन ने श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसाकर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हंबनटोटा पोर्ट लीज पर लिया है। आगे पढ़ें चीन के जासूसी जहाज से क्यों बढ़ी भारत में चिंता...

Vivek Kumar | Published : Aug 3, 2022 4:02 AM IST / Updated: Aug 03 2022, 09:40 AM IST

16
चीन श्रीलंका भेज रहा जासूसी जहाज, भारत में बढ़ी चिंता, नेवी के अड्डे और परमाणु प्लांट की जुटा सकता है जानकारी

युआन वांग 5 जहाज 35 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से श्रीलंका की ओर बढ़ रहा है। इसके 11 अगस्त को हंबनटोटा पहुंचने की संभावना है। यहां यह 17 अगस्त तक रहेगा। यह एक जासूसी और स्पेस रिसर्च जहाज है। चीन इसका इस्तेमाल स्पेस ट्रैकिंग, सैटेलाइट कंट्रोल और रिसर्च ट्रैकिंग के साथ ही दूसरे देशों की जासूसी के लिए करता है। 
 

26

युआन वांग 5 जहाज का रेंज 750 किलोमीटर से अधिक है। हंबनटोटा बंदरगाह से यह केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में स्थित भारत के प्रमुख सामरिक ठिकानों की टोह ले सकता है। यह कलापक्कम और कूडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के साथ-साथ परमाणु अनुसंधान केंद्र की भी जासूसी कर सकता है।
 

36

युआन वांग 5 चीनी सेना का जहाज है। इसे चीन के स्ट्रेटेजिक सपोर्ट फोर्स यूनिट द्वारा ऑपरेट किया जाता है। यह यूनिट स्पेस, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध पर काम करती है। युआन वांग 5 तीसरी पीढ़ी का ट्रैकिंग जहाज है। इसे 29 सितंबर 2007 को चीनी सेना में शामिल किया गया था। 
 

46

युआन वांग 5 अत्यधिक परिष्कृत मिसाइल रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन जहाज है। यह मिसाइल और रॉकेट को ट्रैक करता है। इसके ताकतवर एंटेना और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बैलिस्टिक मिसाइल को ट्रैक करते हैं ताकि पता चल सके कि उसे कहां से दागा गया है और टारगेट क्या है। इस तरह के जहाज अमेरिका, रूस, भारत और फ्रांस के पास भी हैं।
 

56

चीन का कहना है कि युआन वांग 5 स्पेस रिसर्च के लिए है और श्रीलंका  के हंबनटोटा में वह इंधन और अन्य जरूरी सामन लेने के लिए रुकेगा। हालांकि असली वजह कुछ और है। सूत्रों के अनुसार चीन भारत के मुख्य नौ सैनिक अड्डों और परमाणु संयंत्रों की जासूसी के लिए इस जहाज को श्रीलंका भेज रहा है। 
 

66

इस जहाज में हाई-टेक ईव्सड्रॉपिंग उपकरण (छिपकर सुनने वाले उपकरण) लगे हैं। श्रीलंका के पोर्ट पर खड़े होकर यह भारत के अंदरूनी हिस्सों तक की जानकारी जुटा सकता है। पूर्वी तट पर स्थित भारतीय नौसैनिक अड्डे और चांदीपुर में इसरो के प्रक्षेपण केंद्र इस पोत की जासूसी के रेंज में होंगे।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos