Published : Jul 14, 2020, 11:29 AM ISTUpdated : Jul 14, 2020, 11:36 AM IST
मास्को. कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। रूस की जिस यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन बनाने का दावा किया है वह अगस्त तक मरीजों तक वैक्सीन पहुंचाने की तैयारी में है। रूस के सेचेनोव यूनिवर्सिटी (Sechenov First Moscow State Medical University) की वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल में सफल पाई गई है। दुनियाभर में कोरोना वायरस के अब तक 1.32 करोड़ मामले सामने आ चुक हैं। वहीं, 5.7 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, वैक्सीन को 38 वालंटियर्स पर क्लिनिकल ट्रायल पूरा किया था। साथ ही इसके ट्रायल रूस की सेना भी सरकारी गमलेई नेशनल रिसर्च सेंटर में भी किए थे। सेंटर के हेड अलेक्जेंडर ने बताया कि उम्मीद है कि सिविल सर्किलेशन के लिए यह वैक्सीन 12-14 अगस्त तक आ जाएगी। उनके मुताबिक, प्राइवेट कंपनियां सितंबर में बड़े पैमाने पर इसका प्रोडक्शन शुरू कर देंगी।
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अलेक्जेंडर ने बताया, यह वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल में पूरी तरह सेफ साबित हुई है। अगस्त में मरीजों को जब ये वैक्सीन दी जाएगी, यह उसके फेज 3 ट्रायल जैसा होगा, क्योंकि जिन्हें ये टीका दिया जाएगा, वे निगरानी में रखे जाएंगे।
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इस वैक्सीन का ट्रायल 18 जून को शुरू हुआ था। पहले 9 वालंटियर्स को यह वैक्सीन दी गई। इसके बाद फिर 9 वालंटियर्स को यह डोज दी गई। किसी में वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स नहीं दिखे। इन सभी को बुधवार को छुट्टी दे दी गई।
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जिन 9 लोगों को 23 जून को वैक्सीन दी गई थी, इन्हें बुधवार को डिस्चार्ज किया जाएगा। इसके अलावा 28 दिन सभी को आइसोलेशन में रखा जाएगा।
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अमेरिका, ब्राजील और भारत के बाद रूस सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। ऐसे में रूस तेजी से वैक्सीन बनाने की तैयारी में जुटा है। रूस सरकार ने पहले ही दावा किया था कि वे 50 वैक्सीन पर काम कर रहे हैं।
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वैक्सीन बनाने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि अध्ययन में यह देखा गया कि टीका मनुष्यों की सुरक्षा में सफल रहता है या नहीं। यह ट्रायल सफलता पूर्वक पूरा हुआ है।
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दुनियाभर में कोरोना वायरस की 160 वैक्सीन पर काम चल रहा है। WHO के मुताबिक, 21 वैक्सीन क्लिनिकल इवैलुएशन की स्टेज में हैं।
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उधर, थाइलैंड में कोरोना की वैक्सीन का बंदरों और चूहों पर सफल टेस्ट हो चुका है। दोनों में एंटीबॉडीज भी बनीं। ऐसे में अब इंसानों पर भी ट्रायल शुरू होना है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इंसानों पर भी इसका बेहतर असर देखने को मिलेगा। उनका कहना है कि अगर वे ट्रायल में सफल होते हैं तो अगले साल जून तक वैक्सीन बना सकते हैं।
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भारत में क्या है स्थिति?
भारत ने भी कोरोना वैक्सीन के निर्माण में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। भारत में कोरोना की वैक्सीन COVAXIN का जल्द ह्यूमन ट्रायल शुरू हो सकता है। इसके लिए वालंटियर्स ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है।
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इसका परीक्षण दिल्ली, पटना एम्स समेत 12 संस्थानों में किया जाना है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के आखिर तक वैक्सीन बनकर तैयार हो सकती है।