कभी कारखाने में फोरमैन थे पुतिन, सेकंड वर्ल्ड वॉर में लड़ा गुरिल्ला युद्ध, सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

7 मई, 2012 से लगातार रूस के प्रेसिडेंट पद पर जमे व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन को लेकर विद्रोह खड़ा हो गया है। वे कभी प्रधानमंत्री बन जाते हैं, तो कभी राष्ट्रपति। रूस में अब तक एक वाक्य प्रचलित रहा है-'रूस का मलतब पुतिन और पुतिन का मतलब रूस!' 68 साल के पुतिन ने जब 2018 में राष्ट्रपति चुनाव जीता, तब उन्हें 75 प्रतिशत वोट मिले थे। रूस में पहले राष्ट्रपति के चुनाव की अवधि 4 साल थी। लेकिन 2008 में जब दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने पुतिन को प्रधानमंत्री बना दिया। सितंबर, 2011 में पुतिन ने कानून में बदलाव करके राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया  और 2012 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। तब भी उनका विरोध हुआ था। आरोप है कि पुतिन अपने विरोधियों को मरवा डालते हैं। आइए जानते हैं पुतिन और रूस में फैले विद्रोह की कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Jan 25, 2021 9:07 AM IST
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कभी कारखाने में फोरमैन थे पुतिन, सेकंड वर्ल्ड वॉर में लड़ा गुरिल्ला युद्ध, सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

पुतिन का कार्यकाल 2024 में खत्म होगा। लेकिन वे इसके बाद भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के मूड में है। यानी 2036 तक राष्ट्रपति बने रहेंगे। लेकिन अब लोग ऐसा नहीं चाहते। यही वजह है कि रूस के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। पुतिन के धुर विरोधी एलेक्सी नवेलनी की गिरफ्तारी के विरोध में 109 शहरों में जबर्दस्त प्रदर्शन हो रहे हैं। बता दें कि इस समय रूस में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
(इस तरह हो रहे प्रदर्शन)

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पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर, 1952 को हुआ था। पुतिन 16 साल तक सोवियत संघ की गुप्तचर संस्था केजीबी में अधिकारी रहे। वहां वे लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पहुंचे। 1991 में रिटायर्ड होने के बाद पुतिन ने अपने पैतृक शहर सेंट पीटर्सबर्ग से पॉलिटिक्स में कदम रखा।
(पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन की तस्वीर)

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पुतिन 1996 में तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन की टीम में शामिल हो गए। लेकिन येल्तसिन के अचानक इस्तीफा देने के बाद पुतिन 31 दिसंबर, 1999 को रूस के कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए गए। पुतिन ने 2000 और 2004 का राष्ट्रपति चुनाव जीता।
(प्रदर्शनकारियों को ले जाती पुलिस)

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पुतिन का राजनीति ग्राफ
सेंट पीटर्सबर्ग में प्रशासन कार्य (1990–1996)
मास्को में प्रारंभिक कैरियर (1996–1999)
प्रधानमंत्री का पद (1999)
कार्यवाहक राष्ट्रपति (1999-2000)
राष्ट्रपति के रूप में पहला कार्यकाल (2000-2004)
राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल (2004–2008)
प्रधानमन्त्री के रूप में दूसरा कार्यकाल (2008–2012)
राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल (2012–2018)
राष्ट्रपति के रूप में चौथा कार्यकाल (2018–वर्तमान)
(प्रदर्शन की तस्वीर)
 

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पुतिन का बचपन...
पुतिन के पिता व्लादिमीर स्पिरिदोनोविच पुतिन(1911-1999) सोवियत नेवी में काम करते थे। वहीं मां मारिया इवानोव्ना शेलोमोवा(1911-1998) एक फैक्टरी में मजदूर थीं। पुतिन ने भी कारखाने में फोरमैन की नौकरी की। इसके बाद 1930 के दशक में वे पनडुब्बी बेड़े में सेवाएं देने लगे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वे गुरिल्ला सिपाही बने। घात लगाकर दुश्मनों को मारने में माहिर। युद्ध के बाद वे कारखाने में काम करने लगे।
(प्रदर्शन की तस्वीर)

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पुतिन को फिल्में देखने का बड़ा शौक रहा है। वे जासूसी फिल्में देखा करते थे। पुतिन को रूसी के अलावा पुतिन और जर्मन भाषाओं को ज्ञान है। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अंग्रेजी सीखी।
(प्रदर्शन की तस्वीर)

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मौजूदा हालात...
पुतिन ने विरोध प्रदर्शन को दबाने इंटरनेट बंद कर रखे हैं। सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार करके जेलों में ठूंसा जा रहा है। लोग‘रूस आजाद होगा’ और ‘पुतिन चोर है’ जैसे नारे लगा रहे हैं। बताते हैं कि अकेले मास्को में 70 हजार लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। 
(प्रदर्शन की तस्वीर)
 

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कौन हैं एलेक्सी नवेलनी
इन्होंने 2018 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की कोशिश की थी। लेकिन उन्हें एक केस में उलझाकर जेल भेज दिया गया। पिछले 20 अगस्त को उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। वे जर्मनी में इलाज करा रहे थे। 17 जनवरी को जब वे मास्को लौटे, तो एयरपोर्ट पर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद विद्रोह भड़क उठा। दावा किया जा रहा है कि पुतिन भोग-विलासिता पर खूब पैसा उड़ा रहे हैं। उनकी एक सीक्रेट बेटी भी है।
(एलेक्सी अपनी पत्नी के साथ, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है।)

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दुश्मनों के लिए बनाया जहर
पुतिन पर आरोप है कि वे नोविचोक नामक जहर देकर अपने दुश्मनों को मार देते हैं। यह जहर नवर्स सिस्टम पर अटैक करता है। इसे 1960 से 1970 के दशक में बनाया गया था। रूसी वैज्ञानिक डॉ. विल मिर्जानोव ने अपनी पुस्तक स्टेट सीक्रेट में इस जहर का उल्लेख किया है।
(प्रदर्शन की तस्वीर)

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विरोधियों के साथ सुलूक

सर्गेई स्क्रिपल: 4 मार्च 2018 को जहर दिया गया था।
एलेक्जेंडर पेरेपीलिछनी: 2012 में चाय में जहर पिलाया।
व्लादिमीर कारामुर्जा: 2015 से 2017 के बीच कई बार जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी।
एलेक्जेंडर लितविनेंको: ग्रीन टी में जहरीला पदार्थ पोलोनियम-210 मिलाकर पिलाया गया था।
(प्रदर्शन की तस्वीर, साभार-एपी, एएफपी, रायटर्स)

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