Published : Apr 07, 2020, 11:38 AM ISTUpdated : Apr 07, 2020, 01:31 PM IST
लंदन. दुनियाभर के 200 से ज्यादा देश इन दिनों कोरोना वायरस की चपेट में हैं। अब तक 13 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। वहीं, 74 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से निपटने के लिए सभी देश अपने अपने स्तर पर काम करने में जुटे हैं। वहीं, एक ऐसा देश भी है, जहां के प्रधानमंत्री ने इस मुसीबत के वक्त दोबारा डॉक्टर बनने का फैसला किया है। हम बात कर रहे हैं आयरलैंड की।
कोरोना संकट से जूझ रहे देश को बचाने के लिए आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वरडकर ने फिर से डॉक्टर बन लोगों का इलाज करने का फैसला किया है। 7 साल पहले राजनीति में आने के लिए वरडकर ने डॉक्टरी छोड़ी थी।
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अब इस महामारी के वक्त वरडकर ने डॉक्टर के रूप में रजिस्टर कराया है। वे कोरोना के मरीजों के लिए हफ्ते में एक शिफ्ट काम करेंगे। प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने बताया, वरडकर के परिवार के कई सदस्य और मित्र मेडिकल सर्विस में जुड़े हैं। इसी को देखते हुए पीएम ने छोटी सी मदद करने के लिए यह फैसला किया है।
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आइरिश मीडिया के मुताबिक, पीएम को संक्रमित लोगों को सलाह देने का काम दिया जा सकता है। आयरलैंड में कोरोना संक्रमित लोगों को पहले फोन पर सलाह दी जाती है, जिससे लोगों को संक्रमण के बारे में सही जानकारी दी जा सके।
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वरडकर आयरलैंड के पहले गे प्रधानमंत्री हैं। उनकी सरकार ने महामारी को देखते स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती शुरू की है। खास बात यह है कि वरडकर डॉक्टरों के परिवार से हैं। उनके पिता भारतीय डॉक्टर थे और मां आयरलैंड की नर्स थीं।
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भारतीय मूल के वराडकर 2017 में आयरलैंड के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। उन्होंने भारत से अपने रिश्ते को अभी भी बना कर रखा है। डॉक्टर बनने से पहले उन्होंने मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में इंटरशिप की थी।
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अन्य देशों की तरह आयरलैंड में भी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां अब तक संक्रमण के 5 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। वहीं, 174 लोगों की मौत हो चुकी है।
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अमेरिका कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित है। यहां संक्रमण के 3.67 लाख मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, 10941 लोगों की मौत हो चुकी है।
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अब तक सबसे ज्यादा मौत के मामले में इटली आगे है। यहां 16523 लोगों की मौत हो चुकी है। इटली में संक्रमण के 1.32 लाख केस सामने आए हैं।
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स्पेन में भी संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्पेन में अब तक 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, फ्रांस में 8911 लोग इस महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं।