इटली में कोरोना से अब तक 10, 779 की मौत, इन 6 गलतियों की वजह से कब्रिस्तान बनता जा रहा देश
रोम. कोरोना वायरस का संकट दुनिया के 199 देशों पर है। लेकिन इटली इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। इटली में अब तक 10,779 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां पिछले 7 दिन में करीब 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। यहां हर 24 घंटे में 600-700 लोग मर रहे हैं। इटली में कोरोना को फैलने के लिए तमाम प्रकार के कड़े कदम उठाए गए हैं। इन सबसे बावजूद कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आईए जानते हैं कि इटली से चूक कहां हुई।
Asianet News Hindi | Published : Mar 30, 2020 10:06 AM IST / Updated: Mar 30 2020, 03:58 PM IST
इस महामारी से दुनियाभर में 34 हजार लोगों की मौत हुई है। इसकी 30% अकेले इटली में। यहां संक्रमित केसों की संख्या भी 1 लाख के करीब पहुंचती जा रही है। इटली में पछले 24 घंटे में 756 लोगों की मौत हुई।
कहां हुई इटली से चूक: इटली की स्वास्थ्य व्यवस्था दुनियाभर में काफी चर्चित रही है। लेकिन कोरोना वायरस से निपटने में यह अब तक नाकाम साबित रही है। इटली में मौत का आंकड़ा बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है यहां की उम्रदराज आबादी। इटली में जापान के बाद सबसे ज्यादा बुजुर्ग हैं।
1- कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित बुजुर्ग होते हैं। अभी तक के मामलों को देखते हुए यह सामने आया है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौतें बुजुर्गों की हुईं हैं। इसका प्रमुख कारण है, प्रतिरोधक क्षमता। दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है।
2- कुल संक्रमित मामलों की नहीं हो पा रही जांच: इटली में लगातार संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण है कि यहां संक्रमित लोगों की जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। जिन लोगों को कोरोना हो भी गया है उनका पता भी नहीं चल पा रहा है और वे इलाज से पहले ही अपनी जान गंवा रहे हैं।
3- जरूरत की तुलना में कम हो रहीं लोगों की जांच? इटली का लोम्बार्डी शहर सबसे ज्यादा प्रभावित है। लेकिन इसके बावजूद यहां सिर्फ 5 हजार लोगों की जांच हो पा रही है। यहीं अन्य देशों को देखें तो द कोरिया ने हर दिन 20 हजार लोगों की जांच की और संक्रमित लोगों की पहचान कर कोरोना पर काबू पा लिया।
4- इटली में स्वास्थ्य कर्मियों के पास उपकरणों की कमी: इटली में संक्रमण के तेजी से बढ़ने की प्रमुख वजह इलाज के लिए उपकरणों की कमी है। इटली में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के पास पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण भी मौजूद नहीं है। यही कारण है कि यहां 5 हजार से ज्यादा डॉक्टर भी संक्रमित हो गए हैं। जबकि करीब 50 अपनी जान गंवा चुके हैं।
5- इटली के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो अस्पतालों में तेजी से बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके अलावा यहां अस्पताल के बाहर अस्थाई अस्पतालों में भी जांच की व्यवस्था की गई है। लेकिन दवाइयों की कमी हो रही है। यह सबसे बड़ी समस्या है।
6- कदम उठाने में सरकार ने की देरी: इटली में आधिकारिक तौर पर 20 फरवरी को पहले केस की पुष्टि हुई थी। लेकिन सरकार ने बड़ा कदम उठाने में देरी कर दी। यहां 3 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया। तब तक लोगों में संक्रमण काफी बढ़ गया था।
इटली ने कठोर किए नियम: कोरोना पर काबू ना होते देख इटली में प्रतिबंध और कड़े कर दिए गए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां कार में एक साथ 2 लोग नहीं बैठ सकते। वहीं, 15 अप्रैल तक लोगों को घर से बाहर टहलने पर भी रोक लगाई गई है। अगर कोई नियम तोड़ता है तो करीब 2.5 लाख रुपए तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अभी क्या है स्थिति? कोरोना से मौत के मामले में इटली सबसे ज्यादा प्रभावित है। इटली के लोम्बार्डी में हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां 39 हजार केस पाए गए हैं। वहीं, 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
लोम्बार्डी में चर्च में शवों के ढेर हैं। यहां अंतिम संस्कार के लिए लोगों की वेटिंग लगी है। संक्रमण ना फैले इसलिए शवों को उनके परिवारों को नहीं दिया जा रहा है।
इतना ही नहीं शवों को सेना के वाहनों से ले जाकर दफनाया जा रहा है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि शव से वायरस का संक्रमण नहीं फैलता। लेकिन मरीजों के कपड़ों में कुछ घंटे तक वायरस बना रहता है।