तुर्की में कोयला खदान में भीषण ब्लास्ट, 900 फीट गहराई में फंसे मजदूर, 25 की मौत, देखें 10 Shocking Photos

वर्ल्ड न्यूज. तुर्की में शुक्रवार एक कोयला खदान में हुए भीषण ब्लास्ट में 25 मजदूरों की मौत की खबर है। हादसे में 28 से अधिक मजदूर घायल हुए हैं। यह ब्लास्ट बार्टन के अमासरा शहर में हुआ। आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (Disaster and Emergency Management Authority-AFAD) ने कहा कि विस्फोट एक ट्रांसफार्मर के कारण हुआ था। शुक्रवार को ऊर्जा मंत्री फातिह डोनमेज़(Fatih Dönmez) ने कहा कि शाम करीब 6:15 बजे एक संदिग्ध फायरएम्प में विस्फोट हुआ। अधिकारियों का कहना है कि खदानों में पाई जाने वाली ज्वलनशील गैसों की वजह से यह ब्लास्ट हुआ है। पढ़िए पूरी डिटेल्स... 

Amitabh Budholiya | Published : Oct 15, 2022 1:59 AM IST / Updated: Oct 15 2022, 07:31 AM IST
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तुर्की में कोयला खदान में भीषण ब्लास्ट, 900 फीट गहराई में फंसे मजदूर, 25 की मौत, देखें 10 Shocking Photos

आंतरिक मंत्री सुलेमान सोयलू( Süleyman Soylu) ने अलग से कहा कि विस्फोट के समय खदान में कुल 110 कर्मचारी थे। उन्होंने कहा कि उनमें से 49 खदान के गहरे हिस्सों में थे, जहां जोखिम अधिक है।

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विस्फोट काला सागर प्रांत बार्टन के अमासरा जिले में एक कोयला खदान के अंदर 300 मीटर (985 फीट) की गहराई पर शाम करीब 6:15 बजे हुआ। स्थानीय समय (3:15 दोपहर GMT)।

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बार्टिन के गवर्नर नूरताक अर्सलान के अनुसार, बचाव दल 14 खनिकों को निकालने में कामयाब रहे हैं, जबकि कम से कम 49 फंसे रहे।

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घटना के तुरंत बाद राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन(Recep Tayyip Erdoan) के निर्देश पर आंतरिक मंत्री सुलेमान सोयलू और ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधन मंत्री फतिह डोनमेज़ ने खदान का निरीक्षण किया। कुटाह्या, इस्कीसिर, ज़ोंगुलदक सकारिया और कराबुक प्रांतों से बचाव दल भी सहायता के लिए खदान में गए।

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गृह मंत्री सोयलू ने कहा कि 28 लोग जो या तो अपने आप रेंगत हुए खदान से निकलने में सफल रहे या रेस्क्यू टीम द्वारा बचाए गए, वे घायल हुए हैं।

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गए उनमें से कई को गंभीर चोटें आई हैं। धमाका सूर्यास्त से कुछ क्षण पहले हुआ और अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही थी।

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तुर्की में सबसे बड़ा खदान हादसा 2014 में हुआ था। तब पश्चिमी तुर्की के सोमा शहर में एक कोयला खदान के अंदर आग लगने से 301 लोगों की मौत हो गई थी। 13 मई 2014 को एक खदान में आग लगने से उससे फैले धुएं में दर्जनों मीटर नीचे फंसे कम से कम 301 श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों अन्य बाहर निकलने में सफल रहे थे। यह घटना तुर्की खनन इतिहास की सबसे घातक त्रासदी थी। इससे पहले एक और आपदा आई थी, जिसमें अक्टूबर 2014 में मध्य 

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ब्लास्ट के बाद खदान से बचकर निकले मजदूरों ने बताया कि उन्हें बाहर निकलने में बहुत परेशानी आई। धूल और मलबे की वजह से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।

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खदान में विस्फोट की खबर आग की तरफ फैली और बड़ी संख्या में लोग वहां इकट्ठा हो गए। हादसे के बाद राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने साउथ-ईस्ट तुर्की की निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है।

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माना जा रहा है कि खदान से निकली ज्वलनशील गैसों की वजह से यह हादसा हुआ, लेकिन मामले की पूरी जांच के बाद ही सरकार कुछ कहने की स्थिति में आएगी।

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