मिस इंग्लैंड का खिताब छोड़ डॉक्टर बनी ये मॉडल, अब कोरोना से जूझ रहे देश की करेगी मदद

लंदन. पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है। ऐसे में हर कोई अपने स्तर कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रहा है। इसी तरह भारतीय मूल की एक मॉडल ने अपना पेशा छोड़ फिर से डॉक्टरी में वापस लौट मरीजों का इलाज करन का फैसला किया है। भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी 2019 में मिस इंग्लैंड बनी थीं। इसके बाद से वे चैरिटी के काम में जुड़ी थीं। अब उन्होंने दोबारा इंग्लैंड लौटकर डॉक्टर बन कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभाने का फैसला किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 7, 2020 7:45 AM IST / Updated: Apr 07 2020, 04:48 PM IST

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मिस इंग्लैंड का खिताब छोड़ डॉक्टर बनी ये मॉडल, अब कोरोना से जूझ रहे देश की करेगी मदद
भाषा जूनियर डॉक्टर के पद पर तैनात थीं। उन्होंने दिसंबर 2019 में मिस इंग्लैंड बनने के बाद इस पेशे से ब्रेक ले लिया था।
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कई चैरिटी कार्यक्रमों से जुड़ीं मुखर्जी ने कोरोना संकट को देखते हुए एक बार फिर डॉक्टरी के पेशे में लौटने का फैसला किया है। अब वे अगस्त तक मानवता के इस काम में जुड़ीं रहेंगी।
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24 साल की भाषा चैरिटी के कामों में अन्य देशों की यात्रा पर भी जाती हैं। मार्च में वे चार हफ्ते के भारत दौरे पर आई थीं। इस दौरान उन्होंने कई स्कूलों का दौरा किया था। उन्होंने स्कूलों में छात्रों को किताबें और दूसरी पढ़ाई लिखाई का सामान भी डोनेट किया था। इसके अलावा उन्होंने अनाथ लड़कियों के लिए घर बनाने के लिए भी दान दिया था।
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लेकिन हाल ही में अन्य देशों की तरह ब्रिटेन में भी कोरोना वायरस के चलते हालत बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में भाषा को अपने दोस्तों और जानकारों से यहां की खराब स्थिति के बारे में जानकारी मिल रही थी।
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यहां तक कि बोस्टन के पिलग्रिम हॉस्पिटल में, जहां भाषा काम करती थीं, वहां उनके साथी रहे डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और स्थिति काबू से बाहर होती जा रही है।
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ऐसे में भाषा ने अपने हॉस्पिटल के प्रबंधन से बात की। उन्होंने दोबारा काम पर लौटने के फैसले के बारे में बताया।
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भाषा ने सीएनएन को बताया, उन्हें यह गलत लग रहा था कि मानवता के कामों के लिए उन्हें यह ताज मिला है और अब जब दुनिया कोरोना से जूझ रही है और उनके साथी कठिन कार्य कर रहे हैं और वे इससे दूर रहें।
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इसलिए उन्होंने दोबारा काम पर लौटने का फैसला किया। मुखर्जी जब 9 साल की थीं, तब वे भारत के कोलकाता से इग्लैंड चली गईं थीं।
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उन्होंने कहा, उन्हें लगा कि जिस प्रोफेशन में उन्होंने डिग्री ली, उसमें इस वक्त काम करने से ज्यादा अच्छा क्या हो सकता है।
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भाषा ने कहा, उन्हें अब अच्छा लग रहा है कि जब पूरी दुनिया डॉक्टरों का समर्थन कर रही है, अब उनमें से मैं भी एक हूं। मुझे पता है कि मैं कुछ मदद कर सकती हूं।
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भाषा बुधवार को ब्रिटेन लौटी हैं। वे कोलकाता में थीं। यहां उन्होंने ब्रिटिश हाई कमीशन के संपर्क में आकर दिल्ली से फ्रैंकफर्ट के लिए उड़ान भरी। यहां से वे लंदन पहुंचीं।
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भाषा कहती हैं कि इससे अच्छा समय नहीं हो सकता कि मैं मिस इंग्लैंड जरूरत के वक्त में देश की मदद करूं।
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भाषा को हॉस्पिटल में काम पर लौटने से पहले खुद को 1-2 हफ्ते के लिए आइसोलेशन में रहना होगा। इसके बाद उन्हें जरूरत की जगह पर तैनात किया जाएगा।
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ब्रिटेन में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहां अब तक 48 हजार केस सामने आ चुके हैं। वहीं, 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। खुद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
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