कराची प्लेन क्रैश: लोगों को हादसे की आवाज भी नहीं सुनाई दी, छत पर गए तो दिखा ऐसा नजारा

कराची. पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन (पीआईए) का यात्री विमान शुक्रवार को कराची के जिन्ना एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया। विमान ने लाहौर से उड़ान भरी थी और सिर्फ 1 मिनट बाद कराची एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने वाला था। इसी दौरान विमान मॉडेल कॉलोनी जिन्ना गार्डन के पास क्रैश हो गया। इस विमान में 91 यात्री और 8 क्रू मेंबर सवार थे। इस दुर्घटना में 97 लोगों की मौत हो गई है और 2 लोगों के बचने की पुष्टि की जा रही है।

Asianet News Hindi | Published : May 23, 2020 3:36 AM IST / Updated: May 23 2020, 11:35 AM IST
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कराची प्लेन क्रैश: लोगों को हादसे की आवाज भी नहीं सुनाई दी, छत पर गए तो दिखा ऐसा नजारा

पीआईए के प्रवक्ता अब्दुल्ला हफीज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पीआईए की फ्लाइट पीके 803 लाहौर से कराची जा रही थी और इसमें 8 क्रू मेंबर्स समेत 91 लोग सवार थे। हादसे वाली जगह से अब तक 97 शव निकाले जा चुके हैं। इनमें एक 5 साल का बच्चा भी है।

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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि जब प्लेन कॉलोनी में क्रैश हुआ तो उस वक्त लोगों ये सामान्य पीएमटी धमाका लगा, जो एयरपोर्ट के नजदीक बसी इस कॉलोनी के लिए आम बात है। यहां रहने वाली एक महिला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उसे तो प्लेन क्रैश की आवाज तक नहीं सुनाई दी। इसकी वजह यह हो सकती है कि इंजन से आवाज नहीं आ रही थी। उस महिला को उसके करीबी ने इस हादसे के बारे में बताया। 

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महिला ने आगे कहा कि जब वो बाहर देखने के लिए निकली तो हर जगह धुआं था। जल्द ही एम्बुलेंस आ गई। ऐसा लग रहा था, जैसे प्लेन दो इमारतों के बीच फंस गया था। थोड़ी ही देर बाद पावर कट हो गया। इसके बाद रेंजर्स ने रेस्क्यू वाले इलाके में लोगों और मीडिया के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी।

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जिस कॉलोनी में प्लेन क्रैश हुआ उसके करीब रहने वाली दूसरी महिला ने मीडिया से वहां के हाल के बारे में बात करते हुए बताया कि हादसे की जगह उसके घर से 7 किलोमीटर दूर है। वो लोग खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि उस जगह से दूर थे। लेकिन, जब वो छत पर चढ़े तो उन्होनें वहां से धुआं उठता देखा। यहीं रहने वाली एक और महिला ने बताया कि उसके बेटे के साथ पढ़ने वाला एक बच्चा मॉडल कॉलोनी में रहता है। ईश्वर का धन्यवाद देते हुए महिला कहती है कि शुक्र है कि वो और उसका परिवार हादसे के वक्त घर पर नहीं थे। सभी लोग इस हादसे से हिल गए हैं।

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घटना स्थल से दो गली छोड़कर रहने वाली एक और महिला कहती है कि यह दिन भी किसी आमदिन की तरह था। बाहर तेज तपिश है। लिहाजा, वो घर में ही थी। वो वॉटर पम्प का ऑयल चेंज कर रही थी। अचानक तेज धमाका हुआ। उसे लगा कि कोई बम धमाका हुआ। बिजली भी बंद हो गई। महिला ने जब छत पर जाकर देखा तो प्लेन क्रैश हो गया था। कुछ ही देर में इलाका आग से घिर गया और चारों तरफ बस धुआं-धुआं दिखाई दे रहा था। 
 

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महिला कहती है कि लोग मदद कर रहे थे। आग लगी थी इसलिए, बहुत आगे जाना खतरनाक था। रमजान की वजह से लोग अफ्तारी भी बांट रहे थे। अब तक बिजली नहीं आई है। सैनिक प्लेन से लाशें निकाल रहे हैं। वो महिला अब भी सदमे में हैं कि कैसे अचानक कई लोगों के लिए यह दिन मनहूस बन गया। वो भी ईद से ठीक पहले।  

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इसी इलाके में रह रहे एक शख्स ने कहा कि जहां हादसा हुआ। उसके करीब ही उनके दोस्त का घर है। उसने उसे फोन करने की कोशिश की लेकिन, नेटवर्क की दिक्कत आ गई है। शख्स ने उसके घर जाने की कोशिश की। लेकिन, इलाका आग और धुएं में घिरा था। एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड मौजूद थे। लोग वीडियो बना रहे थे। यहां अब भी क्रेन है। जो मलबा और लाशें हटा रही है। 
 

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बैंक ऑफ पंजाब के प्रेसीडेंट जफर मसूद पीआईए के उसी विमान में सवार थे, जो क्रैश हुआ। खुशकिस्मती से वो इस हादसे से बच गए। उनके चाचा मुमताज आलम ने कहा कि मसूद को मॉडल कॉलोनी के लोगों ने मलबे से निकाला। इसके बाद बचाव कर्मियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। आलम ने आगे कहा कि यह करिश्मा ही है कि मसूद बच गए। अब उनका परिवार अस्पताल में साथ है। मसूद ने अपनी मां को बताया कि वो सुरक्षित हैं। उनका फोन भी ठीक से काम कर रहा है।

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प्लेन क्रैश होने के बाद मीडिया और सोशल मीडिया में विमान में सवार यात्रियों की लिस्ट जारी की गई। आमतौर पर सिविल एविएशन अथॉरिटी यह लिस्ट जारी करती है। डिजिटल राइट्स फाउंडेशन नाम का एनजीओ चलाने वाली निगात दाद ने लिस्ट जारी करने की आलोचना करते हुए कहा कि यह निंदनीय काम है, क्योंकि इससे पैसेंजर्स की प्राइवेसी खत्म होती है। जरा उस परिवार के बारे में सोचिए जिसे इन जरियों से विमान में बैठे अपने करीबियों के बारे में पता चला होगा। 

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जरा सोचिए कि वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड हुई ऐसी किसी लिस्ट में कोई शख्स लगातार किसी अपने का नाम खोज रहा होगा। निगत ने आगे कहा कि केवल क्लिक्स और रेटिंग के लिए कई मीडिया हाउस उसूलों को ताक पर रख देते हैं। उनका मानना है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों को प्रमाणिकता का भी ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि जब वो ट्विटर पर कोई सूचना शेयर करते हैं तो उनका यह कदम लोगों की भलाई के काम नहीं आ रहा होता है। इसके उलट ये कदम कई लोगों को मुश्किल में डाल देता है। ऐसे कानून होने चाहिए कि इस तरह के हालात में लोगों की निजता का सम्मान किया जाए, ना कि चंद पलों की शोहरत के लिए ऐसी हरकत की जाए।

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