TLP के आगे झुकते हुए सरकार ने उसकी तीन मांगें मान ली थीं, लेकिन फ्रांस के राजदूत को बाहर निकालने के मुद्दे पर इमरान खान पीछे हट गए। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखते हुए ऐसा कर पाना संभव नहीं है। इसके बाद TLP इस्लामाबाद से कुछ दूर प्रदर्शन कर रही है। TLP के बढ़ते दवाब के बाद इमरान खान सख्ती के मूड में आ गए हैं। संघीय कैबिनेट(federal cabinet) की मीटिंग में सरकार ने निर्णय लिया कि TLP को अब कोई धार्मिक संगठन नहीं, बल्कि एक आतंकवादी संगठन के तौर पर जाना जाएगा। उसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।