इमरान सरकार ने किया था वादा
दरअसल, पैगंबर मोहम्मद के चित्र को प्रकाशित करने के मामले में बीते साल नवम्बर में भी तहरीक-ए-लब्बैक ने काफी बड़ा प्रदर्शन किया था। इस वक्त बैकफुट पर आई इमरान खान की सरकार ने लिखित आश्वासन दिया था कि सरकार पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को निष्कासित कर देगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पहले सरकार को फरवरी महीने तक कार्रवाई करने को कहा था लेकिन अब 20 अप्रैल तक यह मौका दिया गया था। लेकिन उसके पहले ही टीएलपी प्रमुख को अरेस्ट कर लिया गया था। साद रिजवी छह माह से जेल में है।
क्यों फ्रांस के राजदूत को निकाले जाने से परेशानी बढ़ेगी
तहरीक-ए-लब्बैक का कहना है कि टीएलपी की मांग को सरकार नहीं मान सकती। सरकार का कहना है कि अगर ऐसा किया गया तो मुल्क को इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। यूरोपीय देश पाकिस्तान के खिलाफ हो जाएंगे। जीएसपी प्लस स्टेटस खत्म हो जाएगा और पाकिस्तानियों का यूरोप जाना मुश्किल हो जाएगा।