पिछले 10 साल से गृहयुद्ध झेल रहा सीरिया पूरी तरह बर्बाद हो गया है। अब यहां वो ही लोग रह गए हैं, जो कहीं जा नहीं सकते या आखिरी दम तक अपना देश छोड़ना नहीं चाहते। सीरिया खंडहरों का देश बन चुका है। लोगों को पेट भरने कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इन सबके बावजूद गहरे जख्म झेलते आ रहे सीरिया वासी अपने लिए खुशियों की तलाश करते रहते हैं। खंडहरों में बदल चुके घरों में युवा बॉक्सिंग सीखते देखे जा सकते हैं। मकसद दिलो-दिमाग में बने गहरे जख्मों को कुछ हद तक भुलाया जा सके। बता दें कि अरब क्रांति के बाद मार्च, 2011 में सीरिया के दक्षिणी शहर दाराआ में भी लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू हुए थे। इसके बाद तानाशाह बशर अल असाद ने विरोधियों को कुचलना शुरू किया। 2012 में सीरिया में गृहयुद्ध चरम पर पहुंच गया। अब यह देश बर्बाद हो चुका है।