पैदा होते ही बच्चा बन जाता है 1.53 लाख का कर्जदार, हालत इतनी खराब है कि दो वक्त की रोटी भी हुई मुश्किल

इस्लामाबाद. लंबे समय से गरीबी का दंश झेल रहा पाकिस्तान अब तक उबर नहीं पाया है। मौजूदा समय में हालात यह हैं कि देश भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। वहीं, देश में महंगाई चरम सीमा पर है। खाद्य सामाग्री से लेकर रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दामों में भी आग लगी हुई है। इस बीच अब पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन ने पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को बताकर सनसनी फैला दी है। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' में छपी खबर के मुताबिक, पाकिस्तान में महंगाई दर बढ़कर 14.6 फीसदी हो गई हैं। यह 12 साल में सबसे ज्यादा है। वहीं, आटे के दाम बढ़ने से लोगों के लिए रोटी खाना भी अब आसान नहीं रह गया हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 4, 2020 11:58 AM IST

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पैदा होते ही बच्चा बन जाता है 1.53 लाख का कर्जदार, हालत इतनी खराब है कि दो वक्त की रोटी भी हुई मुश्किल
पेशावर शहर में नान की कई दुकानें बंद रहने के कारण ज़्यादातर लोगों के पास अब चावल ही विकल्प है। आटे की कीमतों में भारी इजाफे के बाद अब पीएम इमरान खान ने जमाखोरी से निपटने और कीमतों को कम करने के लिए सख्त आदेश दिए हैं। वहीं, पाकिस्तानी शेयर बाजार भी घड़ाम हो गया हैं। प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स KSE 100 तीन फीसदी की बड़ी गिरावट 1225 अंक गिरकर बंद हुआ।
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पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति कर्ज पिछले वित्त वर्ष के अंत में 28 फीसदी बढ़कर एक लाख 53 हजार 689 रुपए हो गया है। यदि इसे आसान भाषा में समझें तो पाकिस्तान में हर व्यक्ति एक लाख 53 हजार 689 रुपए का कर्ज लेकर पैदा हो रहा है।
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अपनी वार्षिक राजकोषीय नीति 2019-20 में पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने बताया कि उसका मौजूदा खर्च साल 2018-19 में 19 साल के टॉप पर पहुंच गए हैं। वहीं, आम लोगों के विकास पर होने वाला खर्च 11 साल में सबसे कम है।
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पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट में बताया गया हैं कि महंगाई दर बढ़कर 14.6 फीसदी हो गई हैं। पीबीएस के आंकड़े से स्पष्ट हुआ है खाने की चीजों के दाम में बेतहाशा वृद्धि के कारण महंगाई और बढ़ी है।
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खासकर, गेहूं आटा, दालें, चीनी, गुड़ और खाद्य तेल के दाम में बढ़ोतरी ने महंगाई के ग्राफ को और ऊपर कर दिया है। पीबीएस ने बताया है कि बीते एक साल में देश में टमाटर 158 फीसदी, प्याज 125 फीसदी, ताजा सब्जियां 93 फीसदी, आलू 87 फीसदी, चीनी 86 फीसदी और आटा 24 फीसदी महंगा हुआ है।
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रोजमर्रा के खाने-पीने की चीजें, विशेषकर फल और सब्जियां शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में अधिक महंगी हैं। इसी तरह ग्रामीण इलाकों में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत भी साल 2013 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर पहुंची हुई है।
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