रूस ने नहीं सुनी चीन की मांग, दोस्त भारत को जल्द देगा 'S-400' एंटी मिसाइल सिस्टम

नई दिल्ली. भारत चीन विवाद के बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस दौरे पर हैं। इस दौरान रूस ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 की डिलीवरी करेगा। रूस के उप प्रधानमंत्री युरी इवानोविक बोरिसोव ने राजनाथ सिंह को यह आश्वासन दिया है। इसी के चीन की उस मांग को भी ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि रूस भारत को नए हथियार नहीं दे। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 24, 2020 6:55 AM IST
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रूस ने नहीं सुनी चीन की मांग, दोस्त भारत को जल्द देगा 'S-400' एंटी मिसाइल सिस्टम

दरअसल, चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली ने रूस से अपील की थी, वह भारत को नए हथियार नहीं दे। लेकिन रूस ने इस अपील को दरकिनार कर भारत को जल्द सिस्टम की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया है। 

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राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद कहा, भारत और रूस के बीच विशेष सहयोग है। रूस ने भरोसा दिलाया है कि भारत के साथ किए गए सभी समझौते तेजी से पूरे किए गए हैं। 

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सकारात्‍मक रही रूस से बातचीत
राजनाथ सिंह ने कहा, 'रूसी उप प्रधानमंत्री से बातचीत सकारात्‍मक रही। महामारी की कठिनाइयों के बाद भी हमारे द्विपक्षीय संबंध बने हुए हैं। रूस ने भरोसा दिलाया है कि कई मामलों में इनको बहुत कम समय में पूरा किया जाएगा।

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भारत की मांग पर सहमत हुआ रूस 
रूसी के अखबार स्‍पूतनिक न्‍यूज के मुताबिक, भारत सरकार ने रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को जल्‍दी देने की अपील की थी। रूस इस पर सहमत हो गया है। इससे पहले चीन के समाचार पत्र ने फेसबुक पर सोसायटी फॉर ओरियंटल स्टडीज ऑफ रूस नाम के ग्रुप में लिखा था कि एक्सपर्ट का कहना है कि रूस अगर चीन और भारतीयों के दिल पिछलाना चाहता है तो संवेदनशील वक्त पर हथियार नहीं देने चाहिए। 

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क्या है एस 400 सिस्टम?
भारत ने 2018 में रूस से एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 की डील की थी। हालांकि, यह सिस्टम चीन के पास पहले से है। एस 400 दुनिया के सबसे एडवांस डिफेंस सिस्टम के तौर पर माना जाता है। भारत ने रूस के साथ इसके लिए 5 अरब डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपए का सौदा किया है।

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भारत से डील के बाद रूस में S-400 डिफेंस सिस्टम का निर्माण शुरू कर दिया है। डील के तहत, यह सिस्टम 2025 तक भारत को सौंप दिया जाएगा। डील के तहत अगले साल तक भारत को पहला सिस्टम भी मिल जाएगा। लेकिन भारत चीन और पाकिस्तान से चल रहे विवाद को देखते हुए इसे जल्द चाहता है।

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इससे पहले एस 400 डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल सिर्फ रूस और चीन कर रहा है। रूस इस सिस्टम का इस्तेमाल 2007 से कर रहा है। वहीं, चीन ने इसे 2014 में गवर्मेंट टू गवर्मेंट डील के तहत खरीदा था।
 

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एस-400 मिसाइल सिस्टम भारतीय बेड़े में शामिल हो जाएगा। इससे भारतीय सेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। एस 400 मिसाइल सिस्टम पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म करने की क्षमता रखता है।

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यह डिफेंस सिस्टम 400 किमी दायरे तक सक्रिय रहता है। इस दायरे में आने वाले किसी भी खतरे को तुरंत खत्म कर सकता है। इससे दुश्मन के लड़ाकू विमान हों या ड्रोन, या फिर मिसाइल यह सिस्टम देखते ही देखते उसे ढेर कर देगा।

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एस-400 के रडार 100 से 300 टारगेट ट्रैक कर सकते हैं। इसमें लगी मिसाइलें 30 किमी ऊंचाई और 400 किमी की दूरी में लक्ष्य को भेद सकती हैं। यह एक साथ 36 टारगेट को मार सकती है। इसमें 12 लॉन्चर होते हैं।

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