ऊपरवाला जब भी देता; देता छप्पर फाड़ के, गहरी नींद में थी महिला; तभी छत फोड़कर पलंग पर टपका दुर्लभ 'टूटा तारा'

न्यूयॉर्क, अमेरिका. ब्रिटिश कोलंबिया(British Columbia) में एक दुर्लभ घटना सामने आई है। यहां एक घर में उल्का पिंड(meteorite) गिरा है। जब यह उल्का पिंड छत फोड़कर पलंग पर गिरा, तब घर की मालिकन सो रही थी। पहले तो वो बहुत डर गई, लेकिन बाद में उसे बताया गया कि ये उल्का पिंड है, तो वो खुशी से उछल पड़ी। दरअसल, उल्का पिंड पृथ्वी पर न के बराबर गिरते हैं। चूंकि ये साइंस के लिए रिसर्च की वस्तु होते हैं, इसलिए ये ऊंची कीमत पर बिकते हैं। पढ़िए पूरा घटनाक्रम...

Amitabh Budholiya | Published : Oct 16, 2021 5:43 AM IST / Updated: Oct 16 2021, 11:25 AM IST

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ऊपरवाला जब भी देता; देता छप्पर फाड़ के, गहरी नींद में थी महिला; तभी छत फोड़कर पलंग पर टपका दुर्लभ 'टूटा तारा'

यह घटना ब्रिटिया कोलंबिया में रहने वालीं रुथ हैमिल्टन के घर पर आधी रात को हुई। घटना के समय वे गहरी नींद में थीं। हैमिल्टन घबराकर उठीं और इमरजेंसी नंबर पर कॉल किया। लेकिन जब उन्हें बताया गया कि ये उल्का पिंड है, तो वे हैरान रह गईं।

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यह मामला 3 अक्टूबर का है, लेकिन मीडिया में अब यह वायरल हुआ है। हैमिल्टन ने बताया कि छत में सुराग करते हुए करीब सवा किलो का उल्का पिंड बिस्तर पर उनके चेहरे के एकदम करीब गिरा था। इसके बाद वे पूरी रात सो नहीं सकीं।

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द यूनिवर्सिटी आफ वेस्टर्न ओंटारियो(The University of Western Ontario) के प्रोफेसर पीटर ब्राउन ने घटना की पुष्टि ने बताया कि वैसे तो हर घंटे कोई न कोई उल्का पिंड धरती की ओर आता है, लेकिन करीब सभी पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते ही नष्ट हो जाते हैं। कुछेक ही पृथ्वी तक पहुंच पाते हैं।

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उल्का (meteor) को आम बोलचाल में 'टूटते हुए तारे' अथवा 'लूका' कहते हैं। उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुंचता है, उसे उल्कापिंड (meteorite) कहते हैं। रात में उल्काएं काफी देखी जाती हैं। लेकिन पृथ्वी पर न के बराबर उल्का गिरते हैं।

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वैज्ञानिक दृष्टि से इनका महत्त्व बहुत अधिक है, क्योंकि एक तो ये अति दुर्लभ होते हैं, दूसरे आकाश में विचरते हुए विभिन्न ग्रहों इत्यादि के संगठन और संरचना (स्ट्रक्चर) के ज्ञान के प्रत्यक्ष स्रोत केवल ये पिंड ही हैं। इनके अध्ययन से पता चलता है कि भूमंडलीय वातावरण में आकाश से आए हुए पदार्थ पर क्या-क्या प्रतिक्रियाएं होती हैं। इस प्रकार ये पिंड ब्रह्माण्डविद्या(cosmology ) और भूविज्ञान(geology) के बीच संपर्क स्थापित करते हैं।

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