13,500 फीट की ऊंचाई पर पैरों में उलझ गया पैराशूट, लेकिन जमीन पर गिरने से 20 सेकंड पहले हुआ एक चमत्कार

वर्ल्ड न्यूज डेस्क. कभी-कभी लोग ठोकर खाकर गिरते हैं और मौत हो जाती है। लेकिन जब ऊपरवाला मेहरबान हो, तो आसमान से टपकने पर भी जिंदगी बच जाती है। यह मामला वर्जीनिया बीच (Virginia Beach) की रहन वाली 35 वर्षीय जॉर्डन हैटमेकर(Jordan Hatmaker) का जुड़ा है। ये स्काईडाइविंग(skydiving) के दौरान 13,500 फीट की ऊंचाई से 125 mph(Miles per hour-मील प्रति घंटा) की स्पीड से जमीन से जा टकराईं। हालांकि गनीमत यह रही कि पैराशूट की रस्सी खींचने के 20 सेकंड बाद वे जमीन पर गिरीं। उनकी पीठ की हड्डी टूट गई। पैर और टखनों में भी जख्म हुए। पर वे जिंदा बच गईं। जानिए आखिर जॉर्डन के साथ हुआ क्या था?

Amitabh Budholiya | Published : Apr 12, 2022 10:25 AM IST / Updated: Apr 12 2022, 03:58 PM IST
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13,500 फीट की ऊंचाई पर पैरों में उलझ गया पैराशूट, लेकिन जमीन पर गिरने से 20 सेकंड पहले हुआ एक चमत्कार

जॉर्डन हैटमेकर पिछले साल नवंबर में वर्जीनिया बीच(Virginia Beach) में स्काईडाविंग कर रही थीं। अचानक उनके दोनों पैराशूट फेल(parachutes failed) हो गए। वे 13,500 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरने लगीं। इनके नीचे आने की स्पीड बहुत अधिक थी।पैराशूट फेल होने पर वो उनके पैर के चारों तरफ लिपट गया। इसके बाद विपरीत दिशा में भयंकर तरीके से घूमते हुए जमीन की ओर बढ़ने लगा।

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जॉर्डन हैटमेकर(Jordan Hatmaker)  को खुद ताज्जुब नहीं हो रहा कि वे इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी जिंदा बच गईं।

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गनीमत रही कि जमीन पर गिरने से 20 सेकंड पहले जॉर्डन रस्सी खींचने में सफल रहीं। हालांकि फिर भी जमीन पर गिरने से वे बुरी तरह घायल हो गईं। उन्हें करीब चार सप्ताह से अधिक समय अस्पताल में बिताना पड़ा। उन्हें फिर से अपने पैरों पर चलने में तीन महीने लगे। 

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जॉर्डन अब फिर से स्काईडाइविंग की तैयारी कर रही हैं। वे कहती हैं-"'मुझे नहीं लगता कि आपको अपनी पसंद की चीजों को छोड़ना चाहिए, क्योंकि आपके रास्ते में एक बाधा थी। जीवन बहुत छोटा है और आपको वही करना चाहिए, जिससे आपको खुशी मिले।" 

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जॉर्डन ने अपना पहला स्काइडाइव 2015 में किया था। जॉर्डन जब घायल हुईं, उसके तीन दिन बाद वे एवरेस्ट बेस कैंप पर जाने की तैयारी की रही थीं, लेकिन वो नहीं हो पाई।

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13,500 फीट से गिरने के बाद जॉर्डन की पीठ और पैर की हड्डियां टूट गई थीं। उन्हें स्पाइनल फ्यूजन सर्जरी की जरूरत पड़ी। हालांकि अब वे फिर से चल-फिर सकती हैं।

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