नई दिल्ली। श्रीलंका में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षा के इस्तीफे, उनका घर जलाने, सांसद की मौत और कई सांसद, विधायक व पूर्व मंत्रियों की संपत्तियों को खाक में मिलाने के बाद अब तक करीब एक दर्जन आम नागरिकों की मौत भी हो चुकी है। कई करोड़ की संपत्ति खाक में मिल चुकी है, लेकिन हिंसा का दौर थम नहीं रहा। बसें और लग्जरी कार देखते ही जला दिए जा रहे हैं। सरकार विरोधी और समर्थक एक-दूसरे को खोज-खोजकर मार और काट रहे हैं। सरकार ने कफ्र्यू घोषित किया हुआ है। सुरक्षा कर्मियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है, लेकिन पब्लिक को तो इसकी जैसे परवाह ही नहीं है।