यूं टुकड़े-टुकड़े होकर बिखरा नेपाल में क्रैश हुआ तारा एयरक्राफ्ट, 22 यात्रियों में कोई जिंदा नहीं बचा

Published : May 30, 2022, 08:59 AM ISTUpdated : May 30, 2022, 09:05 AM IST

काठमांडू. नेपाली सेना ने देश के पर्वतीय मुस्तांग जिले(Mustang) में दुर्घटनाग्रस्त हुए तारा एयरलाइंस(Crashed Tara Air aircraft) के विमान का पता लगा लिया है। सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नारायण सिलवाल ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस विमान में  22 यात्री सवार थे। इनमें से 4 भारतीय भी थे। विमान की खोजबीन के लिए सेना अभियान में जुटी थी। विमान का मलबा एक पहाड़ी पर मिला। बता दें कि तारा एयर का 9N-AET के इस दो इंजन वाले विमान ने रविवार(29 मई) की सुबह 9:55 बजे टेकऑफ किया था, लेकिन जल्द ही रडार से गायब हो गया। विमान के पायलट की पहचान प्रभाकर प्रसाद घिमिरे के रूप में हुई है। मुस्तांग जिले के डीएसपी राम कुमार दानी ने बताया था कि उन्हें स्थानीय लोगों से ऐसी सूचना मिली थी कि टिटी इलाके में धमाके की आवाज सुनी गई है। इस हादसे में किसी भी यात्री के बचने की संभावना नहीं है। पढ़िए बाकी की डिटेल्स...

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यूं टुकड़े-टुकड़े होकर बिखरा नेपाल में क्रैश हुआ तारा एयरक्राफ्ट, 22 यात्रियों में कोई जिंदा नहीं बचा

सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नारायण सिलवाल ने सोमवार को tweet करके विमान के मलबे की एक तस्वीर शेयर की है। जानकारी के अनुसार तारा एयर का विमान लैंडस्लाइडिंग के चलते लामचे नदी के मुहाने पर हादसे का शिकार हो गया। 
 

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माना जा रहा है कि खराब मौसम के कारण रविवार की सुबह हिमालयी देश यानी नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में लापता हुए इस विमान का पता लगाना मुश्किल हो गया था। दुर्घटनास्थल विमान ने सुबह पोखरा से जोमसोम के लिए उड़ान भरी थी।

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बता दें कि तारा एयर नेपाली पहाड़ों में सबसे नई और सबसे बड़ी एयरलाइन सेवा देने वाली कंपनी मानी जाती है। इसने 2009 में ग्रामीण नेपाल के टूरिज्म को बढ़ावा देने सर्विस शुरू की थी।

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एयरलाइन ने यात्रियों की सूची जारी की है। इसमें चार भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांदेकर (त्रिपाठी) और उनके बच्चों धनुष और रितिका के रूप में हुई। परिवार मुंबई के पास ठाणे शहर में रहता था। बता दें कि एवरेस्ट सहित दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से 8 नेपाल में हैं, जहां हवाई दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड है। 

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इससे पहले 2016 में एक प्लेन क्रैश होने पर 23 लोगों की मौत हो गई थी। मार्च 2018 में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यूएस-बांग्ला हवाई जहाज दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इसमें 51 लोग मारे गए थे। सितंबर 2012 में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करते समय सीता एयर की एक उड़ान दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 19 लोग मारे गए थे। वहीं, पोखरा से जोमसोम जा रहा एक विमान 14 मई 2012 को जोम्सम हवाईअड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।

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