हनोई. कोरोना वायरस के कहर से दुनिया के शक्तिशाली देशों में भी हाहाकार मची है। 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना को लेकर चल रही बहस के बीच एक ऐसा विकासशील देश भी चर्चा में है, जहां कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। जबकि इस देश की सीमा चीन से मिलती है। हम बात कर रहे हैं, वियतनाम की। वियतनाम में 9.7 करोड़ की आबादी है। यहां कोरोना संक्रमण के 270 केस सामने आए हैं। जबकि 140 लोग ठीक भी हो चुके हैं। आईए जानतें है कि ये देश कोरोना से अब तक कैसे सुरक्षित है।
वियतनाम ने अब तक अपने देश के लोगों को कोरोना की वजह से मौत के मुंह में जाने से बचाए रखा है। इसके पीछे सरकार की रणनीति है। हालांकि, इन्हें नागरिकता स्वतंत्रता के लिए अनुरूप नहीं माना जा सकता, लेकिन ये महामारी से बचाव के लिए काफी अहम साबित हो रहे हैं।
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टेम्परेचर स्क्रीनिंग और टेस्टिंग: वियतनाम ने अपने एयरपोर्टों पर फरवरी से ही स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। यहां लोगों को अपना टेम्परेचर स्क्रीनिंग करानी पड़ती थी। इसके अलावा लोगों से उनकी कॉन्टेक्ट डिटेल, ट्रेवल और हेल्थ हिस्ट्री के बारे में जानकारी ली गई। इस प्रोसेस से गुजरना सभी के लिए जरूरी किया गया, चाहें वे सड़क के रास्ते आए हों या अन्य शहरों से। यहां तक की अस्पताल और सरकारी दफ्तरों में जाने से पहले भी इस जानकारी को देना अनिवार्य किया गया।
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वहीं, जिस किसी का बॉडी टेम्परेचर 38C होता, उसे पास के अस्पताल में ले जाकर उसकी जांच की जाती। वहीं, जो इस प्रोसेस को ना मानता या अपनी डिटेल गलत देता, उस पर आपराधिक कार्रवाई होती।
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इसके अलावा यहां बैंक, रेस्टोरेंट और कॉम्प्लैक्स में भी स्क्रीनिंग अनिवार्य की।
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पूरे देश में बड़े स्तर पर टेस्टिंग की गईं। यहां तक की जगह जगह पर टेस्टिंग सेंटर खोले गए, जिससे आम लोग भी अपनी जांच करा सकें। वहीं, अगर कोई पॉजिटिव निकलता तो पूरे गांव या मोहल्ले का टेस्ट होता। पूरे इलाके में लॉकडाउन लगाया जाता।
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इतना ही नहीं, 5 मार्च तक वियतनाम ने खुद ही टेस्टिंग किट बनाना शुरू कर दिया। इनसे सिर्फ 90 मिनट में रिजल्ट पता चल जाता। वहीं, एक टेस्ट किट की कीमत करीब 20 अमेरिकी डॉलर तक है।
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लॉकडाउन और क्वारंटाइन: वहीं, दूसरा ठोस कदम वियतनाम ने क्वारंटाइन और लॉकडाउन को लेकर उठाया। यहां मध्य फरवरी से ही विदेशों से लौटने वाले नागरिकों के लिए 14 दिन घर पर क्वारंटाइन रहने और कोरोना का टेस्ट कराने का नियम बनाया गया। वहीं, विदेशी नागरिकों को भी 14 दिन क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य किया गया।
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वहीं, अगर कोई पॉजिटिव शख्स के संपर्क में आता तो उसे खुद ही क्वारंटाइन करना अनिवार्य किया गया।
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मार्च में वियतनाम में शहरों में लॉकडाउन लगाना शुरू किया। यहां एक शहर से दूसरे शहर जाने पर भी पाबंदी लगाई गई। यहां जो लोग अन्य शहरों में जाना चाहते हैं और वे वहां के नागरिक नहीं हैं तो उन्हें सरकार द्वारा तय की गई जगहों पर क्वारंटाइन किया जाता। हालांकि, इन 14 दिन का खर्च उन्हें ही देना पड़ता।
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यहां एक गांव में एक कोरोना संक्रमित मिलने पर 10 हजार लोगों को कैद कर दिया गया। इसके अलावा मार्च में हनोई में एक बड़े अस्पताल को जहां कोरोना का इलाज चल रहा था, वहां एक हेल्थ कर्मचारी के संक्रमित मिलने के बाद, पूरे अस्पताल को लॉकडाउन कर दिया गया। इसमें 3200 लोग थे।
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इसके अलावा वियतनाम में व्यवसाय पूरी तरह से बंद है। इसके अलावा टूरिज्म और एयरलाइन इंडस्ट्री को भी बंद कर दिया गया है।
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लोगों को किया जागरूक: इसके अलावा जनवरी की शुरुआत में ही वियतनाम सरकार ने नागरिकों को कोरोना वायरस के बारे में जानकारी दे दी थी। यहां लोगों को बता दिया गया था कि यह साधारण फ्लू जैसा नहीं, बल्कि इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। साथ ही लोगों से खुद को खतरे में ना डालने की सलाह दी गई।
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इसके अलावा यहां लोगों को कम्युनिकेट करने के लिए अच्छी व्यवस्था की। हर रोज वियतनाम सरकार की ओर से प्रधानमंत्री से लेकर हेल्थ मिनिस्टर, अन्य मंत्रियों और राज्य सरकारों तक ने लोगों को मैसेज कर कोरोना के बारे में जानकारी दी।
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यहां लोगों को लक्षण के बारे में, उससे बचाव के तरीकों तक फोन पर जानकारी दी गई। इसके अलावा यहां लोगों को कोरोना संक्रमित मरीजों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई गई। इन कदमों से वियतनाम अब तक कोरोना को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा।