क्या मास्क पहनने से आपको नहीं होगा कोरोना वायरस, जानें इससे जुड़ीं ऐसी ही अफवाहों का सच
नई दिल्ली. दुनिया के 114 देशों में कोरोना वायरस का कहर जारी है। भारत में भी कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। यहां 74 लोग संक्रमित पाए गए हैं। जैसे जैसे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है, लोगों का मानना है कि वे अगर मास्क पहन लेते हैं, तो उन्हें कोरोना नहीं होगा। लेकिन क्या यह सच में सही है। क्या आपको सच में मास्क की जरूरत है। आईए इस बारे में जानते हैं सच?
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के मुताबिक, स्वस्थ लोगों को इसे पहनने की जरूरत नहीं है। जबतक कि वह किसी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आए। दूसरी ओर, बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी परेशानी के वक्त लोगों को मास्क पहनना चाहिए और डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
इसके अलावा सभी वायरस इतने छोटे होते हैं कि वे किसी भी मेडिकल मास्क से अंदर जा सकते हैं। अच्छे से हाथ धोना और छींक आने पर रूमाल लगाना ही सबसे बेहतर विकल्प है।
इसके अलावा कोरोना को लेकर कई और अफवाह फैलाईं जा रही हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पालतू जानवरों ने कोरोना फैल रहा है। जबकि अभी तक ऐसे सबूत सामने नहीं आए, जिससे यह पता चल सके कि पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैल रहा है।
वहीं, ऐसा भी अफवाह है कि संक्रमित शख्स को छूने से ही आप भी संक्रमित हो जाएंगे और आपकी मौत हो जाएगी। जबकि नहीं ऐसा नहीं है। हालांकि, इससे संक्रमित व्यक्ति को सख्त इलाज की जरूरत है, क्यों कि यह वायरस काफी जल्दी फैलता है। इसलिए संक्रमित लोगों को अलग रखा जाता है।
क्या दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस है? : नहीं, कोरोना को लेकर जिस तरह से मीडिया रिपोर्ट आ रही है, वह खतरनाक हैं। लेकिन 2019 का सबसे खतरनाक वायरस कोरोना नहीं बल्कि फ्लू है।
एंटीबायोटिक दवा लेने से नहीं होगा कोरोना वायरस का संक्रमण: WHO पहले ही बता चुका है कि कोरोना वायरस पर एंटीबायोटिक दवाईयां असर नहीं कर रही हैं। कोरोना वायरस है, इसलिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल ना करें।
दुनिया के 114 देशों में 1,18,000 से अधिक कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दी है, जिसके बाद दिल्ली और हरियाणा ने भी कोरोना को महामारी घोषित कर दिया।
देश में कोरोना के 74 मामले सामने आ चुके हैं। भारत के कर्नाटक में एक शख्स की मौत भी हो चुकी है। बता दें कि कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान शहर में 31 दिसंबर 2019 को आया था।