यह महिला बदल देगी बलात्कार पर आपकी सोच, इसने खुद अपने रेपिस्ट से 4 घंटे बात कर लिया था बड़ा फैसला

कनाडा. यौन हिंसा का शिकार हुई कनाडा की एक 25 वर्षीय महिला ने 4 घंटे तक बातचीत करने के बाद रेपिस्ट को माफ कर दिया। अब वह अपने साथ हुई दरिंदगी को भुलाकर आज दुर्व्यवहार और हिंसा की पीड़ित महिलाओं की मदद कर रही हैं। ओंटोरिया निवासी मार्ली लिस कहती हैं कि उनका पूरा जोर अपराधी को सजा दिलाने के बजाय पीड़ित के जख्मों को भरने और उन्हें नए सिरे से जीवन जीने की कला सिखाने पर है। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्ली लिस ने साल 2019 में (रेस्टोरेटिव जस्टिस प्रोसेस) अपने रेपिस्ट का करीब 4 घंटे तक सामना किया था। 
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 30, 2020 7:16 AM IST / Updated: Dec 30 2020, 01:03 PM IST
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यह महिला बदल देगी बलात्कार पर आपकी सोच, इसने खुद अपने रेपिस्ट से 4 घंटे बात कर लिया था बड़ा फैसला

मार्ली लिस ने 4 घंटे तक बातचीत करने के बाद रेपिस्ट को माफ कर दिया। वह कहती हैं कि एक बुरा अतीत भुलाकर उन्हें आगे बढ़ने की जरूरत है। तब से लेकर वह अपनी तरह यौन हिंसा का शिकार हुई महिलाओं की मदद कर रही हैं।
 

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लिस ने टेलीफोन पर एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझे अब तक करीब 40 महिलाओं के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है। किसी महिला के साथ हिंसा के बाद हम उसके इलाज, शर्मिंदगी महसूस करना, अपने शरीर से प्यार करना और पितृसत्तात्मक व्यवस्था को उजागर करने जैसी चीजों पर काम करते हैं। ये वो भी बातें हैं जिन्होंने मेरे जख्म भरने का काम किया और ये तोहफा दूसरों के भी काम आ सकता है।'

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कैनेडियन प्रेस गाइडलाइंस के तहत पीड़ित की अनुमति के बिना मीडिया को उसका असली नाम उजागर करने का अधिकार नहीं है, लिस ने इसे भी सामने आकर स्वीकार किया है। लिस ने 'री ह्यूमनाइज' नाम की एक संस्था भी शुरू की है, जो यौन हिंसा की पीड़ित महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें न्याय दिलाने का काम करती है।

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लिस कहती हैं कि अपनी संस्था में वह महिलाओं को हिंसा का शिकार होने के बाद अपने शरीर से प्यार करना सिखाती हैं। वह तरह-तरह के प्रोग्राम और वर्कशॉप के माध्यम से ऐसा करती हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से लिस हिंसा के बाद दुख और शर्म को खुद पर हावी न होने की कला सिखाती हैं। अपने साथ हुई हिंसा के बाद लिस को शर्म और दुख से बचने के इसे सीखना पड़ा था। उनके कार्यक्रमों में वर्चुअल सपोर्ट, गाइडेड मेडिटेशन और लोकल सेक्सुअल एसॉल्ट रिसोर्सिस के लिए संपर्क जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं।

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लिस चाहती हैं कि हर दुष्कर्म पीड़ित को ये पता होना चाहिए कि कार्रवाई के दौरान उसके पास 'क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम' ही एकमात्र विकल्प नहीं है। लिस का कहना है कि यौन पीड़ितों को उनके विकल्पों से अवगत कराना न्याय प्रणाली के भीतर काम करने वालों को शिक्षित करने से शुरू होता है। रेस्टोरेटिव जस्टिस प्रोसेस सभी के लिए नहीं है, लेकिन न्याय प्रणाली के भीतर काम काम करने वालों को शिक्षित करने से इसे अधिक सुलभ बनाया जा सकता है।

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