
जींद, हरियाणा. डॉक्टरों को धरती का 'भगवान' कहा जाता है। लेकिन सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कई डॉक्टर मरीजों और उनके परिजनों के साथ गुंडे और बेरहम शख्स के तौर पर पेश आते हैं। यह मामला भी इसी से जुड़ा है। जींद के सिविल हास्पिटल में कार्यरत एक डॉक्टर ने बीमार बच्चे के पिता को गुस्से में थप्पड़ दे मारा। इस दौरान बच्चे की मां उसे गोद में लिए कौने में रोती रही। हालांकि मामला तूल पकड़ने के बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जांच के आदेश दिए हैं।
अस्पताल में यहां-वहां दौड़ाया जा रहा था...
जानकारी के मुताबिक, छज्जूराम अपने 28 दिन के बेटे को इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल गया था। जब वो शिशु रोग विभाग पहुंचा, तो डॉक्टर रामस्नेह ने उसे देखने से मना कर दिया। डॉक्टर उसे इमरजेंसी ले जाने को बोलने लगा। इस बात पर पिता गिड़गिड़ाकर उसे देखने की जिद करने लगा। इस पर डॉक्टर उसे फटकारने लगा। बच्चे को गोद में लेकर उसकी मां कौन में जाकर रोने लगी। कुछ देर बाद डॉक्टर को गुस्सा आया और उसने बच्चे के पिता को थप्पड़ दे मारा। चूंकि बेटी की हालत बिगड़ती जा रही थी, इसलिए पिता बार-बार डॉक्टर से गुहार लगाता रहा, लेकिन वो नहीं पिघला। आखिर में अपने बच्चे की जान बचाने माता-पिता को प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ा। बच्चा वहां आईसीयू में भर्ती है।
(डॉक्टर रामस्नेह)
डॉक्टर को सस्पेंड करने के आदेश..
छज्जूराम ने बताया कि डॉक्टर बच्चे को देखने के बजाय उसे पीजीआई रोहतक ले जाने को कह रहे थे। इस पर उसने गुहार लगाई, तो उसने गुस्से में थप्पड़ मार दिया। घटना सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डॉक्टर को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने डीजी हेल्थ से कहा है कि डॉक्टर से अंडर-7 रूल्स के तहत चार्जशीट में पूछा जाए कि डॉक्टर की जिम्मेदारी क्या होती है?
हरियाणा की राजनीति, कृषि-किसान मुद्दे, खेल उपलब्धियां, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स और जिले-वार खबरें अब तुरंत पाएं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक समेत पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए Haryana News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद खबरें Asianet News Hindi पर।