जोमैटो से किया था ऑर्डर। खराब खाना आने पर किया कॉल सेंटर पर फोन। वहीं हो गई सारी गड़बड़।
रोहतक: मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। साइबर लुटेरों की नजर इन एप्स पर हैं। ताजा घटना हरियाणा के रोहतक की है, जहां एमडी यूनिवर्सिटी में एमए एक स्टूडेंट को, ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना महंगा पड़ गया। साइबर ठगों ने उसके खाते से मिनटों में 80 हजार रुपये उड़ा डाले। अपने पैसे वापस पाने के लिए यह छात्रा अब कभी जोमैटो ऑफिस तो कभी पुलिस थाने के चक्कर लगा रही है।
किया था खाने का ऑनलाइन ऑर्डर
साक्षी के मुताबिक, उसने जोमैटो पर ऑनलाइन ऑर्डर किया था। इसके लिए उसने पेटीएम के जरिए 190₹ जोमैटो को पेमेंट भी कर दिए। करीब आधे घंटे में ही खाने की डिलवरी हो गई। साक्षी ने जब पैकेट खोला तो खराब क्वालिटी के कारण उसने तुरंत डिलीवरी ब्वॉय को कॉल करके खाना वापस ले जाने को कहा। डिलीवरी ब्वॉय ने आने से इनकार करते हुए, उसे कस्टमर केयर पर बात करने को कहा और कहा कि वह कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च कर ले। गूगल पर जब साक्षी ने देखा तो उसे जोमैटो कस्टमर केयर का एक नंबर नजर आया। उसने नंबर डायल करके खाना वापस ले जाने और पैसे वापस करने की बात कही। लेकिन उसे क्या पता था कि उसके पैसे आने नहीं, उड़ने वाले हैं।
बातों में उलझाकर दिया ठगी को अंजाम
खुद को जोमैटो कस्टमर केयर अधिकारी बताते हुए दूसरी तरफ से बोल रहे व्यक्ति ने साक्षी को बातों में उलझाए रखा और उसके बैंक एकाउंट्स डिटेल, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और एटीएम की लास्ट 6 डिजिट पूछ ली। पूरी बात हो जाने पर उसने साक्षी से कहा कि उसके पैसे जल्द ही अकाउंट में डाल दिए जाएंगे। शख्स ने साक्षी को फोन कॉल को डिस्कनेक्ट ना करने के लिए कहा और बताया कि उसके बैंक खाते में पैसा रिफंड कर रहा है। छात्रा उसकी बातों में आकर, कॉल कनेक्ट किए बैठी रही। थोड़ी ही देर में, उसके मोबाइल पर एक-एक करके उसके बैंक खाते से पैसे निकलने के धड़ाधड़ मैसेज आने लगे। महज चंद मिनट के अंदर ही साक्षी के खाते से कुल 14 ट्रांजैक्शन हुए और करीब ₹80,000 रूपए उसके खाते से कट गए। इसके बाद कॉल डिस्कनेक्ट हो गई। साइबर ठगी का अहसास होते ही साक्षी ने तुरंत ही बैंक के टोल फ्री नंबर पर फोन करके अपना एटीएम कार्ड ब्लॉक करवाया और रोहतक पुलिस को इस घटना के बारे में जानकारी दी। साक्षी जब शिकायत के लिए जोमैटो ऑफिस गई तो ऑफिस पर मिले लोगों ने इस बात से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनका इस फ्रॉड से कोई लेना देना नहीं है। उसने जिस नंबर पर कॉल किया, वह उनका कस्टमर केयर नंबर नहीं हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच
साक्षी की शिकायत लेकर रोहतक पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी तक ठगों को पकड़ने में नाकामयाब रही है। पीजीआईएमएस पुलिस थाने के एसएसओ अनिल कुमार का कहना है कि पुलिस बारीकी से इस केस की छानबीन में जुट गई है और साइबर ठगों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन साइबर ठगी से जुड़े अधिकतर मामलों की रिपोर्ट को देखते हुए कह पाना जरा मुश्किल ही है कि छात्रा को उसके 80 हजार रुपये कभी वापस मिल भी पाएंगे या नहीं।