हरियाणा के गुरुग्राम से पूर्व बीजेपी विधायक उमेश अग्रवाल और इनेलो नेता व पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सैनी ने आप ज्वाइन कर ली है। इसके साथ साथ दस के अलग अलग पार्टियों के दस के लगभग सीनियर कार्यकर्ता भी आप में शामिल हो गए हैं।
चंडीगढ़. पंजाब में आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) ने जो सफलता हासिल की है, इससे हरियाणा के वह नेता जो साइड लाइन है, कामयाबी के लिए आप में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। कई दिनों से हरियाणा के 12 से ज्यादा नेता आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। इसमें ज्यादातर वह है, जो लंबे समय से राजनीति में हाशिये पर थे। ऐसे नेताओं को लगता है कि आप के कंधे पर सवार होकर वह भी राजनीति की वैतरणी पार कर सकते हैं।
बीजेपी के पूर्व विधायकों और मंत्रियों ने ज्वाइन की आप
हरियाणा के गुरुग्राम से पूर्व बीजेपी विधायक उमेश अग्रवाल और इनेलो नेता व पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सैनी ने आप ज्वाइन कर ली है। इसके साथ साथ दस के अलग अलग पार्टियों के दस के लगभग सीनियर कार्यकर्ता भी आप में शामिल हो गए हैं। पार्टी में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। आप के नेता भी इससे खासे उत्साहित है, क्योंकि इससे पार्टी का जनाधार तो बढ़ रहा है।
जो भाजपा-कांग्रेस से निराश वह आप का दामन थामेंगे
हरियाणा की राजनीति के जानकार सीनियर पत्रकार एडवोकेट वीरेंद्र सिंह दुहन ने बताया कि अभी आम आदमी पार्टी में जो नेता जा रहे हैं, उनका हरियाणा में ज्यादा जनाधार नहीं है। उमेश अग्रवाल को भाजपा ने इस बार टिकट तक नहीं दिया। उन पर कई तरह के आरोप भी लगते रहे हैं। इसी तरह से बलबीर सिंह सैनी लगातार चुनाव हार रहे हैं। अन्य नेताओं की भी स्थिति यही है। इसलिए नेताओं का आप की ओर जाना भले ही फौरी तौर पर यह लगे कि पार्टी मजबूत हो रही है, लेकिन सच तो यह है कि यह नेता आप में जाकर खुद के लिए सियासी जमीन तलाश रहे हैं।
'हरियाणा के रहने वाले केजरीवाल कर पाएंगे यहां करिश्मा'
एडवोकेट वीरेंद्र दुहन ने बताया कि आप अभी तक हरियाणा में कोई करिश्मा नहीं कर पाई है। वह भी तब जबकि अरविंद केजरीवाल खुद हिसार के पास के रहने वाले हैं। वह बाद में दिल्ली शिफ्ट हो गए थे। इसलिए यह हो सकता है कि पंजाब के तो केजरीवाल सीएम बन नहीं पाए, वह यह प्रयोग हरियाणा में कर सकते हैं। इसमें दो राय नहीं कि पंजाब के बाद आप का हरियाणा में जनाधार बढ़ेगा। क्योंकि हरियाणा के मतदाता भी विकल्प की तलाश में हैं।
हरियाणा का मतदाता पंजाब से एकदम अलग
देखना यह होगा कि मतदाता को आप किस तरह से विकल्प दे सकती है। क्योंकि पंजाब के विपरीत हरियाणा के मतदाता का सियासी मिजाज खासा अलग है। यहां का मतदाता जहां जाति में बंटा हुआ है, वहीं क्षेत्रवाद के आधार पर भी मतदान करता है। इसके साथ ही हरियाणा का मतदाता पार्टियों के भले ही अपने नेता से कितना भी नाराज हो जाए, लेकिन अंत में वह उसके खेमे में जाकर बैठ ही जाता है। पंजाब का मतदाता इससे थोड़ा अलग है। इस बार के विधानसभा चुनाव में पंजाब के मतदाता ने पारंपरिक पार्टियों को सिरे से नकार दिया था। इस तरह की स्थिति कम से कम अभी तक हरियाणा में नजर नहीं आ रही है।
लेकिन भाजपा को होगा इससे फायदा
वीरेंद्र दुहन ने बताया कि फिर भी इसमें दो राय नहीं है कि हरियाणा में यदि आप मजबूत होती है तो इसका असर कांग्रेस, जननायक जनता दल और इनेलो पर पड़ सकता है। आज की स्थिति में तो इससे भाजपा को लाभ ही होगा। क्योंकि यहां भाजपा ने खुद को मजबूत किया है। एक काडर वोट बैंक भी खड़ा किया है। हां यदि आप गैर जाट नेतृत्व खड़ा करती है, जिसकी संभावना कम ही नजर आ रही है। इस स्थिति में वह भाजपा को चैलेंज कर सकती है। तब जेजेपी और कांग्रेस पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा।
आप में आकर एक बार फिर किस्मत अजमाएंगे नेता
जिस तरह की चर्चा चल रही है कि आम आदमी पार्टी में पूर्व मंत्री व भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह भी जा सकते हैं, इससे जींद के इलाके में आप को मजबूती मिल सकती है, लेकिन बीरेंद्र सिंह की अब पूरे हरियाणा में पकड़ नहीं है। वह भी भाजपा में इन दिनों साइड लाइन हैं। कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह से राजनीति की मुख्यधारा में शामिल हो जाए। इसके लिए वह हाथ पांव मार रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस छोड़ चुके हैं। भाजपा में हैं, पिछले दिनों इनेलो के साथ भी हाथ मिलाते नजर आए थे। अब आप को पंजाब में जो सफलता मिली है, इसलिए उनकी कोशिश है कि आप में आकर एक बार फिर किस्मत आजमा ली जाए।
क्या पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा आप में आ सकते हैं?
कुल मिला कर आप का हरियाणा में शोर तो खूब हो रहा है, लेकिन जो नेता अभी तक आए हैं, वह इतने कद्दावर नहीं कि आप को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचा सके। हां, जिस तरह की चर्चा चल रही है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा आप में आ सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो निश्चित ही आप हरियाणा में भी पंजाब की तरह एक बड़ी ताकत बन सकती है।
हरियाणा में बड़ा राजनीतिक फेरबदल मुश्किल...
इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। क्योंकि कम से कम लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में कोई बड़ा राजनीतिक फेरबदल होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। फिर भी जिस तरह से हरियाणा में आप की चर्चा हो रही है,इससे प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों के रणनीतिकारों की पेशानी पर बल तो पड़ रहा है। क्योंकि जिस तरह से पंजाब में आप ने तख्ता पलट कर दिया, हरियाणा में इस तरह की स्थिति न बने, अब यह उनकी मुख्य चिंता है।