दीवाली 2022: गुरुग्राम में ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य पटाखे फोड़ने पर रोक, निर्माण और बिक्री पर भी प्रतिबंध

गुरुग्राम के जिला कलेक्टर एवं उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करते हुए जिले में तत्काल प्रभाव से ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

गुरुग्राम(Haryana). बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गुरुग्राम में इस दीवाली पटाखे फोड़ने पर बैन लगा दिया गया है। गुरुग्राम के जिला कलेक्टर एवं उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करते हुए जिले में तत्काल प्रभाव से ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। ये आदेश तत्काल प्रभाव से पूरे गुरुग्राम जिले में लागू होंगे। ये आदेश 31 जनवरी, 2023 तक प्रभावी रहेगा। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा दंड प्रक्रिया अधिनियम 1973 की धारा 144, विस्फोटक अधिनियम 1883 और अन्य विस्फोटक नियमों के तहत आदेश जारी किए गए हैं।

जानकारी के मुताबिक जिला कलेक्टर निशांत यादव की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक इन आदेशों को लागू करने की जिम्मेदारी गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर, गुरुग्राम और मानेसर नगर निगमों, सभी एसडीएम, सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों, प्रखंड विकास और पंचायत अधिकारियों, सभी डीसीपी, कार्यकारी अधिकारियों और नगर निगम के सचिवों, नगर परिषद, सभी पुलिस थाना प्रभारी, दमकल अधिकारी गुरुग्राम व उनके स्टाफ की होगी।

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रोज कलेक्टर को भेजनी होगी छापेमारी की रिपोर्ट 
जिला कलेक्टर निशांत यादव की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक इन सभी अधिकारियों को आदेशों पर अमल करने और छापेमारी करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इन अधिकारियों को प्रतिदिन जिला कलेक्टर को रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।उपायुक्त द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के अनुसार एनसीआर क्षेत्र सहित पूरे राज्य में ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, संचालन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया गया फैसला 
जिला कलेक्टर निशांत कुमार यादव ने कहा कि यह फैसला राज्य में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया गया है। जिला गुरुग्राम में इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण बोर्ड ने कहा है कि अक्टूबर से जनवरी के बीच राज्य में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, इसलिए पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
 

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