पेट्रोलियम उत्पादों की देश की सबसे बड़ी खुदरा कारोबारी कंपनी आईओसीएल ने पानीपत स्थित अपनी रिफायनरी में ही 766 करोड़ रुपए की लागत से एथेनॉल संयंत्र भी लगाने की परियोजना के लिए सरकार से पर्यावरण मंजूरी मांगी है।
नई दिल्ली: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हरियाणा के पानीपत में पेट्रोलियम ईंधन के रूप में बायोमास एथेनॉल का प्लांट लगाने की इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आईओसीएल) को मंजूरी दे दी है।केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एनवायरनमेंट फ्रेंडली फ्यूल के रूप में एथनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने इस परियोजना को मंजूरी दी है। इसके तहत आईओसीएल को दूसरी पीढ़ी के बायोमास आधारित ईंधन 2जी एथेनॉल के संयंत्र को लगाने की आईओसीएल को मंत्रालय ने पर्यावरण मंजूरी दी है।
किसानों की आय को दोगुना करने में मिलेगी मदद
जावड़ेकर ने ट्वीटर पर भी कहा, ‘‘यह जानकारी देते हुए खुशी है कि आईओसीएल को पानीपत में नए 2जी एथेनॉल संयंत्र स्थापित करने की पर्यावरण मंजूरी दी गई है।’’ उन्होंने कहा कि इस परियोजना से न सिर्फ पर्यावरण हितैषी ईंधन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि आईओसीएल ने 100 किलोलीटर प्रतिदिन उत्पादन क्षमता वाले 2जी एथेनॉल संयंत्र से पर्यावरण पर पड़ने वाले संभावित असर की आंकलन रिपोर्ट इस साल जून में मंत्रालय के समक्ष पेश करते हुए इसकी स्थापना के लिए मंजूरी का आवेदन किया था।
पेट्रोलियम उत्पादों की देश की सबसे बड़ी खुदरा कारोबारी कंपनी आईओसीएल ने पानीपत स्थित अपनी रिफायनरी में ही 766 करोड़ रुपए की लागत से एथेनॉल संयंत्र भी लगाने की परियोजना के लिए सरकार से पर्यावरण मंजूरी मांगी है। इसमें बायोमास आधारित ईंधन के रूप में एथेनॉल के उत्पादन के लिए धान और अन्य कृषि उत्पादों की पराली का इस्तेमाल किया जाएगा। संयंत्र में 100 किलोलीटर एथेनॉल के उत्पादन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन 473 टन पराली की आवश्यकता होगी।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)