ओपी चौटाला की सजा का ऐलान : 4 साल के लिए जेल भेजे गए हरियाणा के पूर्व CM, कोर्ट ने 50 लाख का जुर्माना भी लगाया

एक तय समयसीमा में चौटाला की आय उनकी मूल आय से 189 प्रतिशत  ज्यादा थी। उनके खिलाफ यह शिकायत साल 2005 में कांग्रेस नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला ने की थी। उसके बाद से जांच की गई और उनकी प्रॉपर्टी को भी सीज किया गया था।

चंडीगढ़ : आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा (Haryana) के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट ने चार साल की जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। चौटाला की हैली रोड, गुरुग्राम जन प्रतिनिधि, पंचकुला और असोला स्थित चार संपत्तियां भी अटैच करने का आदेश अदालन ने दिया है। कोर्ट ने सजा का ऐलान करते हुए कहा कि ओम प्रकाश चौटाला को पांच लाख रुपए CBI को भी देने होंगे। अगर वे पैसे हनीं देते हैं तो उन्हें छह महीने और जेल में गुजारने होंगे।

गुरुवार को फैसला सुरक्षित
गुरुवार को दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट में इस मामले की बहस पूरी हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री के मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने शुक्रवार दोपहर दो बजे अपना फैसला सुनाने को कहा। इससे पहले 21 मई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान ओपी चौटाला को दोषी करार दिया था। तब भी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

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व्हील चेयर से कोर्ट पहुंचे, बीमारी का हवाला
कल हुई सुनवाई के दौरान ओपी चौटाला व्हील चेयर से अदालत पहुंचे। उनकी तरफ से बढ़ती उम्र और बीमारी का हवाला दिया गया। उनके वकील ने अदालत में कहा कि उनकी उम्र 87 साल हो चुकी है और वह काफी समय से बीमार भी चल रहे हैं। वे 90 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके हैं। इतने कमजोर हैं कि खुद के कपड़े तक नहीं बदल पाते। वकील ने कोर्ट में ये भी दलील दी कि इससे पहले चौटाला जेबीटी भर्ती मामले में जेल की सजा काट चुके हैं। तब जेल में रहते हुए ही उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। जबकि सीबीआई की तरह के कहा गया कि अगर उन्हें कम सजा दी जाती है तो इसका गलत मैसेज जाएगा।

2005 में केस दर्ज, 106 गवाह पेश
पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ साल 2005 में CBI ने केस दर्ज किया था। पांच साल बाद 2010 में कोर्ट में इस केस की चार्जशीट दाखिल की गई। इसके बाद 16 जनवरी 2018 को ओपी चौटाला के बयान दर्ज हुए। तब सीबीआई ने उनके बेटों अभय और अजय चौटाला के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के तीन अलग-अलग केस रजिस्टर किए थे। सीबीआई ने आरोप पत्र में बताया था कि एक समय-सीमा के तहत ओपी चौटाला की आय 3.22 करोड़ से 189 प्रतिशत ज्यादा थी। उनके बेट अजय चौटाला के पास आय से 339.27 प्रतिशत ज्यादा और अभय चौटाला की प्रॉपर्टी पांच गुना अधिक थी। इस मामले में सीबीआई की तरफ से कोर्ट में 106 गवाह पेश किए गए।

6 करोड़ की संपत्ति कुर्क
आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में ईडी ने उनकी दिल्ली, पंचकूला और सिरसा की छह करोड़ की संपत्ति सील भी की थी। ओपी चौटाला के तेजाखेड़ा फार्म हाउस के कुछ हिस्से को भी साल 2019 में सीज कर दिया गया था। उनकी पत्नी स्नेहलता और पुत्रवधू कांता चौटाला की संपत्ति का हिसाब किताब भी ईडी की तरफ से इकट्ठा किया गया। तभी से इस मामले की जांच चल रही थी।

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