भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी उदयभान को हरियाणा कांग्रेस की कमान, पंजाब-हिमाचल वाला फॉर्मूला यहां भी लागू

भूपिंदर सिंह हुड्डा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के बीच काफी कुछ ठीक नहीं चल रहा था। वह लगातार उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे लेकिन चूंकि शैलजा दलित समुदाय से आती हैं इसलिए हाईकमान उन्हें हटाकर इस वर्ग की नाराजगी नहीं उठाना चाहती थी। 

चंडीगढ़ : हरियाणा (Haryana) में कांग्रेस (Congress) ने पूर्व विधायक उदयभान (Udaybhan) के हाथ पार्टी की कमान सौंप दी है। उन्हें कुमारी सैलजा की जगह प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है। इसके साथ ही पार्टी ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश की तरह यहां भी चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए हैं। इसमें पूर्व सांसद श्रुति चौधरी, पूर्व विधायक राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता का नाम शामिल है। वहीं, नाम के ऐलान के बाद उदयभान ने मिशन 2024 का ऐलान कर दिया है। उन्हों कहा कि संगठन में जो भी कमियां है, उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाेगा। हरियाणा में कांग्रेस सबको साथ लेकर चलेगी। 

कांग्रेस का दांव पार्टी को कितना मजबूती देगा
इस बार कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष को चुनने से पहले सभी जातियों के वोटबैंक पर फोकस किया है। पार्टी का फोकस दलित और पिछड़ा वोट बैंक तक अपनी पैठ बनाने की है। वह जाट समाज को भी साथ लेकर चलना चाहती है। इसके साथ ही अंदरुनी खींचतान को खत्म करना भी बड़ा उद्देश्य है। यही कारण है कि हाईकमान ने राज्य में पांच अलग-अलग जातियों दलित, जाट, गुर्जर, ब्राह्मण और अग्रवाल समाज से आने वालों को पद दिया है। कार्यकारी अध्यक्ष बनाई गईं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी जाट, रामकिशन गुर्जर और पिछडा वर्ग, जितेंद्र भारद्वाज ब्राह्मण और सुरेश गुप्ता अग्रवाल समाज से आते हैं।

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पंजाब में फॉर्मूला फेल फिर भी कांग्रेस का विश्वास
बता दें कि चार कार्यकारी अध्यक्ष वाला फॉर्मूला कांग्रेस ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी लागू किया था। हालांकि पंजाब में यह पूरी तरह फेल दिखाई दिया और चुनाव में पार्टी को करारी शिकस्त मिली। अब हिमाचल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और हरियाणा में अभी विधानसभा चुनाव में ढाई साल का समय है। ऐसे में पार्टी को लगता है कि जातियों को साधकर वह दोनों ही राज्यों में अपनी स्थिति बदल सकती है।

गुटबाजी से जूझ रही थी कांग्रेस
राज्य में कांग्रेस गुटबाजी से जूझ रही है। वर्तमान में हुडा गुट, कुलदीप बिश्नोई, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और सैलजा गुट में पार्टी बंटी हुई है। पार्टी को उम्मीद है कि उसने जो फैसला लिया है उससे ये गुटबाजी खत्म हो जाएगी। कुमारी सैलजा ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से 9 अप्रैल को इस्तीफा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौंप दिया था। कुमारी सैलजा ने हुड्‌डा गुट के विधायकों के मीटिंग में न आने पर नाराजगी जाहिर की थी। 

कौन हैं उदयभान
हुड्डा गुट से उनकी खींचतान भी चल रही थी। नए प्रदेश अध्यक्ष उदयभान हुड्डा खेमे से हैं।  उदयभान हरियाणा के होडल से विधायक रहे हैं। उनके पिता गया राम भी विधायक रह चुके हैं। उदयभान पहली बार लोक दल बहुगुणा से हसनपुर से विधायक बने। अनसूचित जाति के लिए सीट आरक्षित है। इस सीट को अब होडल सीट के नाम से जाना जाता है। 1990 में कृभको के चैयरमैन बने। इसके बाद साल 2000 में निर्दलीय विधायक के रुप में चुने गए। 2005 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीतकर विधानसभा पहुंचे। 2014 में एक बार फिर वे कांग्रेस के टिकट से जीतकर विधायक बने।

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