रक्षा मंत्रालय के क्लर्क ने गढ़ी थी किडनैपिंग की झूठी कहानी! पुलिस की जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच

रक्षा मंत्रालय के क्लर्क सुभाष चंद्र की नाटकीय ढंग से किडनैपिंग और फिर बरामदगी के बाद पुलिस की पूछताछ ने चौंकाने वाला सच सामने आया है। क्लर्क सुभाष के खाते से जो 21 लाख का लेनदेन हुआ, वह उसने ऑनलाइन गेम एप पर खर्च कर दिए थे।

रेवाड़ी( Haryana). रक्षा मंत्रालय के क्लर्क सुभाष चंद्र की नाटकीय ढंग से किडनैपिंग और फिर बरामदगी के बाद पुलिस की पूछताछ ने चौंकाने वाला सच सामने आया है। क्लर्क सुभाष के खाते से जो 21 लाख का लेनदेन हुआ, वह उसने ऑनलाइन गेम एप पर खर्च कर दिए थे। बीते 3 महीने में लाखों के नुकसान के बाद उसकी देनदारी इतनी बढ़ गई थी कि उसने किडनैपिंग की झूठी कहानी गढ़ दी। फिलहाल पुलिस अभी भी क्लर्क से पूछताछ कर रही है और मामले की जांच कर रही है। 

एसआईटी के इंचार्ज डीएसपी सुभाष ने बताया कि क्लर्क के खातों की जांच की गई। जिसमें पता चला कि वह 3 महीने में ऑनलाइन एप पर गेम खेलने में 21 लाख रुपए हार गया। क्लर्क ने पूछताछ में यह भी बताया कि स्कूटी की डिग्गी में मिली डायरी भी उसने ही लिखी थी। हालांकि अभी भी क्लर्क खुद के अपहरण की बात कर रहा है। डीएसपी सुभाष ने कहा कि खातों की डिटेल के बाद एक बात साफ है कि मामला हनीट्रैप का नहीं है। वहीं उसके अपहरण होने की बात की गहराई से जांच की जा रही है। हो सकता है कि देनदारी से बचने के लिए उसने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची हो, इसलिए गहनता से जांच की जा रही है।

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नाटकीय ढंग से गायब हुआ था क्लर्क 
धामलावास गांव का रहने वाला सुभाष (33) दिल्ली स्थित रक्षा मंत्रालय में क्लर्क है। 30 सितंबर को वह रोजाना की तरह ड्यूटी जाने के लिए घर से स्कूटी लेकर निकला था। लेकिन रात तक वापस घर नहीं आया, परिजनों ने तलाश की तो पता चला कि वह ड्यूटी पर भी नही गया था। काफी खोजबीन के बाद उसकी स्कूटी गांव के बस स्टैंड पर खड़ी मिली। स्कूटी की डिग्गी में एक डायरी भी पाई गई। जिसमें सुभाष ने लिखा हुआ था कि उससे पैसों की डिमांड की जा रही है। उसने डायरी में एक शख्स का नाम भी लिखा था।

खोजबीन के लिए बनाई गई SIT टीम 
क्लर्क के परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने गुमशुदगी का केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की। 2 दिन बीत जाने के बाद भी जब उसका सुराग नहीं लगा तो परिजनों ने एसपी राजेश कुमार से मुलाकात की। जिसके बाद 3 सितंबर को एसपी ने डीएसपी सुभाष के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित कर दी। इस बीच उसी दिन की रात के वक्त पुलिस ने सुभाष को रेवाड़ी के ही औद्योगिक कस्बा धारूहेड़ा से एक सर्विस रोड पर पैदल जाते हुए बरामद कर लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ कि तो उसने खुद के अपहरण का दावा किया।

सुभाष की कहानी पुलिस के गले नही उतर रही 
सुभाष ने पुलिस को बताया कि 30 सितंबर को वह दिल्ली जाने के लिए बस में बैठा था। पुलिस लाइन के पास बस से उतर कर पैदल जा रहा था, तभी कार में सवार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। इसके बाद उसे अज्ञात जगह ले जाकर बंधक बना लिया। सुभाष के मुताबिक वह रविवार की रात आरोपियों के चंगुल से छूटा और पैदल ही केएमपी से होते हुए धारूहेड़ा पहुंचा था।

खाते से 21 लाख का ट्रांजैक्शन देखकर चौंकी पुलिस टीम 
क्लर्क सुभाष के खाते से 21 लाख रुपए ट्रांजैक्शन होने की जानकारी पुलिस के हाथ लगी तो पुलिस भी चौंक गई। पूछताछ में भी सुभाष ने इसके बारे में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। बैंक खातों में हुई ट्रांजैक्शन की जांच की गई तो वह ऑनलाइन गेम एप वाली साइट को की गई थी। जिससे पुलिस को उसकी किडनैपिंग की पूरी कहानी झूठी लग रही है।

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