हरियाणा: सत्ता में वापसी के लिए हुड्डा के दबाव में बंटे कांग्रेस के टिकट, ये है पूरी गणित

हुड्डा अपने करीबी नेताओं को टिकट दिलाने में पूरी तरह से सफल रहे हैं, हालांकि कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला सहित कुलदीप विश्नोई के मर्जी के कुछ नेताओं को टिकट दिया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2019 4:19 AM IST / Updated: Oct 04 2019, 09:50 AM IST

चंडीगढ़. हरियाणा की सत्ता में वापसी के लिए बेताब कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस के टिकट वितरण में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का जबरदस्त दबदबा रहा है। हुड्डा अपने करीबी नेताओं को टिकट दिलाने में पूरी तरह से सफल रहे हैं। हालांकि कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला सहित कुलदीप विश्नोई के मर्जी के कुछ नेताओं को टिकट दिया गया है।

अशोक तंवर को नजरअंदाज
वहीं, हरियाणा में कांग्रेस के टिकट वितरण पर उंगली उठा रहे अशोक तंवर की नाराजगी और बढ़ सकती है। तंवर ने टिकट के लिए अपने 70 समर्थकों की सूची कांग्रेस हाईकमान को सौंपी थी, जिसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। जबकि तंवर बुधवार को सोनिया गांधी के आवास दस जनपथ के बाहर पूरी रात अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन कर कर रहे थे। तंवर चाह रहे थे कि पांच साल तक उनके साथ जुड़े रहे समर्थकों को भी टिकट मिले।

हुड्डा के दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश कांग्रेस की लंबे समय तक कमान संभालने वाले अशोक तंवर पार्टी में खुद की बेरुखी से नाराज हो गए हैं। उन्होंने हुड्डा और शैलजा पर टिकटें बेचने का आरोप भी लगा दिया, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी। न ही सोनिया गांधी और न ही राहुल गांधी ने तंवर से मुलाकात की।  दरअसल, कांग्रेस हाईकमान को हवा लग चुकी है अशोक तंवर हरियाणा में पार्टी को मजबूत करने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं। उन्हें लंबा वक्त भी दिया गया, लेकिन वे बीजेपी के खिलाफ कोई माहौल बनाने में असफल रहे। पार्टी यह भी जानती है कि हरियाणा में हुड्डा के जनाधार के सामने तंवर कहीं नहीं ठहरते हैं।

हुड्डा के दबाव में झुकी कांग्रेस
कांग्रेस हाईकमान किस तरह से हुड्डा के दबाव में है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके समर्थक और महम से विधायक रहे आनंद सिंह दांगी ने सूची आने के तीन दिन पहले ही अपना नामांकन भरने की घोषणा कर दी थी। राई सीट से कांग्रेस ने आचार संहिता लगने से पूर्व इस्तीफा देने वाले विधायक जयतीर्थ दहिया पर विश्वास जताया है। दहिया को लेकर भी तंवर ने सवाल खड़ा किया था, लेकिन हुड्डा के करीबी होने का इनाम मिला है। इतना ही नहीं हुड्डा दूसरे नेताओं के क्षेत्र में भी अपने कई समर्थकों को टिकट दिलाने में सफल रहे हैं। जैसे कि लोहारू सीट से सोमवीर सिंह और बाढ़ड़ा सीट से रणदीप मेहन्द्रा को टिकट मिला है। यह इलाका किरण चौधरी का माना जाता है, जिनके हुड्डा से रिश्ते जगजाहिर हैं।

हुड्डा के करीबियों को टिकट
हुड्डा के विश्वस्त अकरम खान, अनिल धंतौडी, दिल्लू राम बाजीगर, जयप्रकाश, सतबीर सिंह जांगड़ा, बंताराम बाल्मीकि, त्रिलोचन सिंह, अनिल राणा, ओपी जैन, बलबीर बाल्मीकि, धर्म सिंह छोक्कर, कुलदीप शर्मा, जयतीर्थ दहिया, जयबीर बाल्मीकि, सुरेंद्र पंवार, जगबीर मलिक, श्रीकृष्ण हुड्डा, धर्मेंद्र ढुल, सुभाष देसवाल, अंशुल सिंगला, परमवीर सिंह, जरनैल सिंह, शीशपाल केहरवाला, अमित सिहाग, विनीत कंबोज, होशियारी लाल शर्मा, भरत सिंह बेनीवाल, बलजीत सिहाग, सोमबीर सिंह, रणबीर महेंद्रा, मेजर नपेंद्र सिंह सांगवान, रामकिशन फौजी, आनंद सिंह दांगी, बीबी बत्रा, शकुंतला खटक, राजिंदर जून, कुलदीप वत्स, गीता भुक्कल, रघुबीर कादियान, नरेंद्र सिंह, राव दान सिंह, एमएल रंगा, यदुवेंद्र यादव, सुखबीर कटारिया, शमशुद्दीन, आफताब अहमद, उदयभान, करण दलाल, रघुबीर तेवतिया, नीरज शर्मा, विजय प्रताप सिंह, आनंद कौशिक और ललित नागर को टिकट मिला है।

सभी विधायकों को टिकट
रेणुका बिश्नोई को छोड़कर सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिए हैं। कांग्रेस की लिस्ट में 37 नाम ऐसे हैं जिन्होंने पिछली बार भी पार्टी की तरफ से चुनाव मैदान में किस्मत आजमाई थी। इनमें 15 जीतकर विधायक बने थे और 22 को हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बावजूद कांग्रेस ने उन्हें एक बार फिर टिकट देकर अपना भरोसा जताया है। साथ ही कांग्रेस की लिस्ट 47 नाम ऐसे हैं जिन्होंने पिछली बार पार्टी से चुनाव नहीं लड़ा था।

कांग्रेस में एंट्री करने वाले नेताओं को टिकट
हालांकि दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की लिस्ट में 11 ऐसे नेताओं को टिकट दिया गया है, जिन्होंने हाल ही में पार्टी का दामन थामा है। पानीपत ग्रामीण सीट से ओम प्रकाश जैन को टिकट दिया गया है, जो कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इसके अलावा महम से आनंद सिंह दांगी को कांग्रेस ने टिकट दिया है, जिन्होंने सूची जारी होने से पहले ही अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था। दांगी को लेकर तंवर लगातार नाराजगी जता रहे थे। हुड्डा के करीबी होने के चलते वह टिकट पाने में सफल रहे।

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