हरियाणा में 3 बच्चों के साथ पानी के टैंक में कूदी मां, महिला किस्मत से बच गई...लेकिन 3 संताने नहीं रही

 हरियाणा के नूहं जिले में एक मां अपने तीन मासूम बच्चों के साथ पानी के टैंक में कूद गई। जहां तीनों बच्चों की तो मौत हो गई, लेकिन महिला किस्मत से डूबने से जिंदा बच गई। फिलहाल महिला की हालत गंभीर है, उसका इलाज जारी है।

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 24, 2022 8:17 AM IST / Updated: Nov 24 2022, 01:51 PM IST

पानीपत. हरियाणा के नूहं जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक महिला ने अपने तीन मासूम बच्चों के साथ जिंदगी खत्म करने का फैसला करते हुए पानी के टैंक में कूद गई। जहां तीनों बच्चों की तो मौत हो गई, लेकिन मां डूबने से जिंदा बच गई। फिलहाल महिला को इलाज के लिए  मेडिकल कॉलेज नल्हार में भर्ती कराया गया है।

महिला किस्मत  से जिंदा बच गई...लेकिन 3 संताने नहीं रहीं
दरअसल, यह दर्दनाक मामला नंहू जिले के खेड़ला गांव की है। जहां मंगलवार दोपहर महिला ने अपने मकान के भीतर बनी टंकी में छलांग लगा दी। वहीं बच्चों की रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए और सभी को बाहर निकाला गया। लेकिन बच्चों की निकालते ही मोत हो गई। वहीं आत्महत्या की कोशिश करने वाली शकुनत (33) नाम की महिला को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। 

पुलिस को बताई कुछ और ही कहानी
मामले की जांच कर रहे सिटी थाना इंस्पेक्टर भरत सिंह ने बताया कि बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब पुलिस मौक पर पहुंची तो पहले मामले को दबाने की कोशिश की गई। कहा गया कि महिला के बच्चे टैंक में गिर गए थे, जिसके चलते उन्हें बचाने के लिए महिला अपनी सबसे छोटी बेटी के साथ इसमें कूद गई। लेकिन बाद में पता चला कि यह मामला  कुछ और है। फिलहाल मामले की छानबीन जारी है।

इस वजह से वह मरने के लिए हुई बेबस
वहीं पुलिस ने मामले की जांच करते हुए बताया कि आखिर महिला ने यह कदम क्यों उठाया। दरअसल, महिला अपनी गरीबी और बेबसी के आगे मजबूर थी। वह अपने बीमार बच्चों के इलाज ना होने से परेशान थी। क्योंकि वह उनका सही इलाज नहीं करा पा रही थी। जिसके चलते उसने अपने साथ बच्चों को खत्म करने का फैसला किया। महिला ने यह कदम उस समय उठाया जब उसका पति और उसका 12 साल का बेटा घर पर नहीं थे। वहीं पड़ोस में रहने वाले युवक मोहम्मद जहीर ने बताया कि महिला की 9 साल की बच्ची और 7  का बेटा अक्सर बीमार रहते थे। वह खुद भी बीमार रहती थी, इसके लिए डॉक्टर ने उसे बताया कि वह जिस बीमारी से पीड़ित है उसका इलाज नहीं है। अगह है तो भी महंगा है। जिसके चलते वह अंदर से टूट चुकी थी।

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