घटना ग्रेटर फरीदाबाद में बीपीटीपी थाना क्षेत्र के डिस्कवरी सोसाइटी की है। यहां 15वीं मंजिल पर आरती अपने बेटे आरवी (15 साल) के साथ रहती थी। आरती DPS स्कूल में आर्ट्स टीचर हैं और बेटा आरवी इसी स्कूल में 10वीं क्लास का स्टूडेंट था।
फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद में एक दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 15 साल के 10वीं क्लास के स्टूडेंट के सुसाइड कर लिया। स्टूडेंट अपनी सोसायटी की 15वीं मंजिल से कूदा था। उसे निजी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया। मरने से पहले स्टूडेंट ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें एक टीचर पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। ये बच्चा दिल्ली पब्लिस स्कूल (डीपीएस) ग्रेटर फरीदाबाद में पढ़ता था। मामला हाइप्रोफाइल होने से स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
घटना ग्रेटर फरीदाबाद में बीपीटीपी थाना क्षेत्र के डिस्कवरी सोसाइटी की है। यहां 15वीं मंजिल पर आरती अपने बेटे आरवी (15 साल) के साथ रहती थी। आरती DPS स्कूल में आर्ट्स टीचर हैं और बेटा आरवी इसी स्कूल में 10वीं क्लास का स्टूडेंट था। आरती का साल 2006 में पति से तलाक हो गया था, इसलिए वह अकेले ही बच्चे का पालन-पोषण और जिम्मेदारी संभाल रही थी। जांच में सामने आया है कि पिछले साल स्कूल के दो बच्चे आरवी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते थे। इसकी शिकायत उसने स्कूल में भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।
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आरवी को क्लास में भी परेशान करते थे स्कूल के बच्चे
स्टूडेंट के साथ पिछले साल स्कूल के टॉयलेट में कुछ बच्चों ने छेड़छाड़ की थी। क्लास में भी स्टूडेंट को लगातार प्रताड़ित और गलत शब्दों का इस्तेमाल करके चिढ़ाया जाता था। मां आरती का कहना है कि इस बारे में उन्होंने स्कूल प्रबंधन को ईमेल से शिकायत भी दी थी। इस कारण बेटा आरवी डिप्रेशन का शिकार हो गया। दिल्ली में उसका इलाज चल रहा था। घटना के वक्त आरती दवा लेने गई थीं। 23 फरवरी को आरवी की विज्ञान की परीक्षा थी। एक सवाल के लिए उसने हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता से मदद मांगी। आरोप है कि ममता गुप्ता ने आरवी को डांट दिया और कहा कि वह बीमारी का फायदा उठा रहा है। इससे वह बहुत ज्यादा तनाव में आ गया।
घर में भी कई बार बता चुका था आरवी, बेटे को याद कर फफक पड़ी मां
आरती का कहना है कि स्कूल की हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता ने उसके बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। सुसाइड नोट में बेटे ने स्कूल प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है। सुसाइड नोट को देखकर आरती ने कहा कि ये उसके बेटे की आखिरी निशानी है। वह पिछले 8 महीने से बहुत परेशान था। क्या मेरे बच्चे को इंसाफ मिलेगा? परिजन ने बताया कि आरवी ने कई बार कहा कि वह स्कूल से बहुत परेशान है। पिछले साल मार्च में भी कुछ बच्चों ने उसे प्रताड़ित किया था। उसके बाद से ही वह डिप्रेशन का शिकार था। बताते हैं कि आरवी को साथी बच्चे गे कहकर बुलाते थे।
पढ़ें क्या लिखा है सुसाइड नोट में
‘‘प्रिय मम्मा, आप इस संसार की सबसे अच्छी मां हैं। मुझे माफ करना कि मैं बहादुर नहीं बन सका। इस स्कूल ने मुझे मार डाला। खासकर बड़ी अथॉरिटीज ... और ... अन्य। मैं इस नफरत भरी दुनिया में नहीं रह सकता। मैंने जीने की पूरी कोशिश की, लेकिन लगता है कि जिंदगी को कुछ और चाहिए। लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं, इस पर विश्वास ना करें। आप सबसे अच्छी हो। अगर मैं बच ना सका तो प्लीज खुद को दूसरे काम में लगा लेना। अपनी आर्ट को बंद मत करना। आप फरिश्ता हो। मैं इस जन्म में आपको पाकर धन्य हूं। आपने जो कुछ संभव हुआ वह किया, लेकिन मैं मजबूत नहीं निकला। मैं कमजोर हूं। मुझे खेद है...। उनकी बातों को ना सुनना और ना यकीन करना। You are best, You are amazing..’’
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पुलिस और स्कूल प्रबंधन ने क्या कहा...
बीपीटीपी थाना प्रभारी अर्जुन देव ने कहा कि सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। सुसाइड नोट और मां आरती के बयान पर ममता गुप्ता और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। सुसाइट नोट को जांच के लिए भिजवाया जाएगा। वहीं, डीपीएस ग्रेटर फरीदाबाद स्कूल के प्रिंसिपल सुरजीत खन्ना ने कहा कि छात्र की मौत का बहुत दुख है। हमारा स्कूल हमेशा स्टूडेंट को सहयोग करता है। आरवी के मामले में भी स्कूल ने हमेशा उसका हौसला बढ़ाया है। आरवी के कुछ स्वास्थ्य संबंधी निजी कारण थे, जिनकी वजह से वह काफी तनावग्रस्त था। उसका इलाज भी चल रहा था। इस दुख की घड़ी में हम परिवार के साथ हैं। निष्पक्ष तरीके से जांच हो और जो सच है, वह सामने आए। स्कूल हरसंभव मदद के लिए हमेशा तैयार है।