किसान ट्रॉलियों में लगाने लगे TV और डिश, सरकार ने बंद किया इंटरनेट फिर भी इस जुगाड़ से चलाने लगे नेट

पंजाब से कई गांव की किसान महिलाएं अलग-अलग जत्थों में बच्चों के साथ  कुंडली बॉर्डर पर पहुंचीं। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की तैयारी के बीच अब आंदोलन में हरियाणा के किसानों की भागीदारी ज्यादा बढ़ गई है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 1, 2021 7:13 AM IST / Updated: Feb 01 2021, 12:46 PM IST

चंडीगढ़/पानीपत. गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा के बाद पुलिस प्रसासन सख्त हो गया है। दिल्ली से लगने वाली सीमाएं किसानों के लिए सील कर दी गई हैं। साथ ही हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में इंटरनेट के सीवाएं भी बंद है। लेकिन इसके बाद भी किसानों का हौसला कम नहीं हुआ है। कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन अब मेले में बदल गया। दोनों राज्यों के हजारों किसान अलग-अलग जत्थे में यहां पहुंचे हुए हैं।

कुंडली बॉर्डर लग गया किसानों का मेला
दरअसल, रविवार शाम पंजाब से कई गांव की किसान महिलाएं अलग-अलग जत्थों में बच्चों के साथ  कुंडली बॉर्डर पर पहुंचीं। वहीं सोनीपत के करीब 28, पानीपत के करीब 23 व जींद के करीब 17 गांवों के किसानों का जत्था ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगाकर पूरे जोश में यहां पहुंचे हुए हैं।  यानि गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की तैयारी के बीच अब आंदोलन में हरियाणा के किसानों की भागीदारी ज्यादा बढ़ गई है।

ट्रॉली में  LED टीवी लगीं तो ब्रॉडबैंड से चला रहे नेट
हरियाणा से लगने वाली कुंडली बॉर्डर पर मेले जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। यहां किसान अपनी ट्रॉली में  LED टीवी लगा ली है। यहीं पर वह किसान संबंधित  खबरें देख रहे हैं। बता दें कि सरकार ने 26 जनवरी के बाद से कुंडली बॉर्डर पर इंटरनेट बंद कर दिया तो किसानों ने डिश का सहारा ले लिया है। इतना ही नहीं उन्होंने स्थानीय लोगों का ब्राडबैंड का पासवर्ड भी लिया है ताकि वह नेट चला सकें। वहीं कई ने अपने ब्रॉडबैंड कनेक्शन को बिना पासवर्ड के चला रखा है। किसान किसान सिंह ने कहना है कि वह आंदोलन के लिए एक छोटा टीवी खरीदकर लाए हैं।

306 गांवों में किसानों ने लगाए लाउडस्पीकर
हरियाणा में खट्टर सरकार ने राज्य के करीब 17 जिलों इंटरनेट सेवा पर कुछ दिनों के लिए बैन लगा रखा है। लेकिन यहां की खाप पचांयत में इन जिलों के गांव में रहने वाले किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए लाउडस्पीकर लगवाना शुरू कर दिया है। इन किसान नेताओं ने करीब जिले के 306 गांवों में इस तरह के लाउडस्पीकर लगवा दिए हैं। ताकि वह एक दूसरे के संपर्क में रहते हुए अपनी बात सभी किसानों तक पहुंचा सकें।

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