हरियाणा का वो इलाका जहां कामयाबी के लिए CM खट्टर नहीं इस नेता के भरोसे पर है BJP!

हरियाणा विधानसभा चुनाव में 75 पार का लक्ष्य लेकर उतरी भारतीय जनता पार्टी दक्षिण हरियाणा में एक बार फिर राव इंद्रजीत सिंह के भरोसे नजर आ रही है। यह इलाका "अहिरवाल" कहा जाता है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2019 5:34 AM IST / Updated: Oct 13 2019, 11:08 AM IST

चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा चुनाव में 75 पार का लक्ष्य लेकर उतरी भारतीय जनता पार्टी दक्षिण हरियाणा में एक बार फिर राव इंद्रजीत सिंह के भरोसे नजर आ रही है। यह इलाका "अहिरवाल" कहा जाता है। 

पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राव इंद्रजीत के चेहरे के सहारे कांग्रेस समेत दूसरे सभी दलों का दक्षिण हरियाणा में सफाया कर दिया था। यही वजह है कि इस इलाके में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की बजाय एक बार फिर राव इंद्रजीत के कंधों पर कमल खिलाने की जिम्मेदारी है।

Latest Videos

दक्षिण हरियाणा के अहिरवाल क्षेत्र में गुड़गांव, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले आते हैं। इन जिलों में यादव (अहीर) मतदाताओं का प्रभाव है। संख्या में भी और राजनीति में भी यहां यादवों की तूती बोलती है। इसके अलावा दक्षिण हरियाणा के झज्जर और भिवानी जिलों में भी अहीर आबादी है। जाटों और दलितों के बाद हरियाणा में यादव लगभग 12 प्रतिशत हैं। विधानसभा चुनावों में अहीरवाल क्षेत्र की भी अपनी खास भूमिका है।

सभी सीटें जीतने का लक्ष्य

2014 के चुनाव में भाजपा ने दक्षिण हरियाणा में शानदार प्रदर्शन किया था और गुरुग्राम लोकसभा की 9 में से छह सीटों पर कब्जा जमाया था। गुरुग्राम और रेवाड़ी जिले में पार्टी ने क्लीन स्वीप किया था। दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, रेवाड़ी, भिवानी, महेंद्रगढ़ और झज्जर के इलाके में करीब 18-20 विधानसभा सीटें हैं। इनमें बीजेपी ने करीब 14 सीटों पर कब्जा जमाया था। इस बार पार्टी इस क्षेत्र की सभी सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चुनावी मैदान में है।
 
दक्षिण हरियाणा क्षेत्र राव इंद्रजीत का जबरदस्त प्रभाव है। राव इंद्रजीत सिंह पिछले एक हफ्ते से रेवाड़ी में ही जमे हुए हैं और पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी पहली रैली रेवाड़ी जिले के कोसली में ही की। इस दौरान लंबे अर्से बाद दोनों नेताओं के बीच तल्खी नजर नहीं आई। मंच पर दोनों नेता गुफ्तगू करते रहे और यह संदेश देने में कामयाब रहें कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव और उससे पहले के साढ़े चार साल के कार्यकाल में राव इंद्रजीत सिंह ने कई बार राज्य सरकार को निशाने पर लिया था, लेकिन पिछले एक महीने से मुख्यमंत्री खट्टर और राव इंद्रजीत सिंह के बीच दूरियां मिटती दिख रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की दखल के बाद यह संभव हुआ है।

इंद्रजीत सक्रिय, नरबीर खामोश

विधानसभा चुनाव में इंद्रजीत अपनी बेटी आरती राव के लिए टिकट मांग रहे थे। उचाना से विधायक प्रेमलता को छोड़कर पार्टी ने किसी मौजूदा सांसद के परिजनों को टिकट नहीं दिया, लेकिन टिकट वितरण में पार्टी ने फरीदबाद के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के साथ गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत को तवज्जो दी।

यही कारण है कि राव इंद्रजीत पूरी तरह से सक्रिय दिख रहे हैं तो वहीं उनके धुर विरोधी हरियाणा सरकार में मंत्री और गृहनगर रेवाड़ी से आने वाले राव नरबीर सिंह पूरी तरह से खामोश नजर आ रहे हैं। टिकट कटने के बाद से वह सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी भी बनाए हुए हैं।

पांच बार सांसद बनने वाले हरियाणा के इकलौते नेता

राव इंद्रजीत हरियाणा के इकलौते ऐसे नेता हैं जो पांचवीं बार सांसद बने हैं। इसमें वह चार बार लगतार सांसद बने हैं। यादव समुदाय से आते हैं यही वजह रही है कि वह कांग्रेस में थे तो दक्षिण हरियाणा में कांग्रेस आगे रही और अब बीजेपी में हैं तो पार्टी उन्हीं के भरोसे है। इंद्रजीत सिंह ने अब तक विधानसभा के चार तथा लोकसभा के 6 चुनाव सहित कुल 10 चुनाव लड़े हैं। 9 में वह विजेता रहे हैं। उन्हें सिर्फ एक एक बार हार मिली।

Share this article
click me!

Latest Videos

Bigg Boss 18: कौन हैं 4 जोड़ी कपड़ा लेकर आए BJP के नेता Tajinder Pal Bagga, जूता कांड है मशहूर
क्या 7 जन्मों का होता है पति-पत्नी का साथ? प्रेमानंद महाराज ने बताई सच्चाई #Shorts
Air Force Day: एयर शो में दिखी वायुसेना की ताकत, फाइटर जेट्स ने दिखाए करतब #Shorts
Haryana Election Result: हरियाणा में हुई हार तो कैसे बढ़ेगा BJP पर दबाव, कहां-कहां खड़ी होगी मुश्किल
'जनता देगी जवाब, ये कहेंगे EVM है खराब' नायब सैनी ने किया बड़ा दावा । Haryana Election